मुरादाबाद। बेटी की शादी (Daughter’s marriage), बेटे की पढ़ाई (son’s education), मां-बाप के इलाज (parents’ treatment) के खर्च के लिए जमीन-जायजाद बेचने (sell real estate) के किस्से तो आपने खूब सुने होगे लेकिन मुरादाबाद (Moradabad) के ठाकुरद्वारा के रहने वाले एक देवी भक्त परिवार (goddess devout family) ने देवी माता के भव्य जागरण के लिए अपनी 15 बीघा जमीन बेच डाली। किसान के पिता के पास कुल 120 बीघा जमीन है। जागरण के लिए कलाकार भी कोई स्थानीय नहीं बल्कि दुनिया भर में नाम कमाने वाली अनुराधा पौडवाल (Anuradha Paudwal) को बुलाया। जागरण में अनुराधा पौडवाल के आने की खबर पर इतनी भीड़ जुट गई कि कोतवाली पुलिस से मदद मांगनी पड़ी।
ठाकुरद्वारा ब्लॉक के गांव मैसूवाला निवासी किसान चंद्रप्रकाश पुत्र रामदयाल ने बुधवार रात माता के जागरण का आयोजन किया। जिसमें विश्व प्रसिद्ध भजन गायिका अनुराधा पौडवाला को आमंत्रित किया गया था। भाजपा नेता ठाकुर अजय प्रताप सिंह ने पूजा-अर्चना के बाद कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इसके बाद अनुराधा पौडवाल ने मन मेरा मंदिर, शिव मेरी पूजा…भेजा है बुलावा तूने शेरावालिए… मां मुरादे पूरी कर दे…शेर पर सवार होकर आजा शेरावालिए…आदि प्रस्तुतियां देकर समां बांध दिया।
इस दौरान तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा पंडाल गूंज उठा। जागरण में देर रात तक श्रद्धालु भजनों पर झूमते रहे। इस भव्य आयोजन के बारे में बताया गया कि इस भव्य आयोजन के लिए पैसे जुटाने के लिए चंद्रप्रकाश ने पूरे परिवार की सहमति से अपनी 15 बीघा जमीन 45 लाख रुपये में बेच दी। चंद्रप्रकाश का कहना है कि सब कुछ मां का ही दिया हुआ है तो उनके आयोजन के लिए खर्च भी हो गया तो किस बात की चिंता।
अनुराधा के नाम पर उमड़ी भीड़, लगानी पड़ी पुलिस
भाजपा नेता ठाकुर अजय प्रताप सिंह ने बताया कि अनुराधा पौडवाल के आने से क्षेत्र के लोगों में उत्साह था। जागरण में अनुराधा पौडवाल के आने की खबर पर इतनी भीड़ जुट गई कि कोतवाली पुलिस से मदद मांगनी पड़ी। फोर्स की मौजूदगी में बुधवार रात शांतिपूर्ण जगराता पूरा हुआ। इसमें नगर के अलावा फैजुल्लागंज मस्तल्लीपुर, रामनगर खागूवाला, पृथ्वीपुर गांवड़ी, अब्दुल्लापुर लेदा, रूपपुर टंडोला आदि गांवों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।
जागरण के लिए पैसे नहीं थे तो जमीन बेच दी
पेशे से किसान चंद्र प्रकाश ने बताया कि उसका पूरा परिवार मातारानी का भक्त है। उसके पिता रामदयाल काफी दिनों से मातारानी का जागरण कराना चाहते थे, लेकिन पैसे की कमी के चलते कार्यक्रम टल रहा था। रामदयाल के पास कुल 120 बीघा जमीन है। उसमें से 15 बीघा जमीन बेचकर माता का जागरण कराने का फैसला लिया। जमीन बेचकर मिले 45 लाख रुपये से जागरण क्षेत्र में भी चर्चा का विषय बना हुआ है। खास यह कि उनके इस फैसले में पूरा परिवार साथ रहा।
चंद्र प्रकाश के मुताबिक अभी पूरी जमीन पिता रामदयाल के नाम पर है। उसके पिता ने माता का जगराता कराने की इच्छा जताई और दोनों भाइयों से रुपये मांगे। चंद्र प्रकाश ने अपने छोटे भाई मोनू से इसकी चर्चा की, लेकिन दोनों के पास जगराते के लिए उतने पैसे नहीं थे। आखिरकार 15 बीघा जमीन बेच दी और जगराता कराया।
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