लखनऊ। उत्तरप्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP elections: Election Commission strict in the matter of gathering crowd at SP headquarters, know the reason) जैसे ही नजदीक आता जा रहा है वैसे ही नेताओं की मुश्किलें भी बढ़ती जा रही है। समाजवादी पार्टी के विक्रमादित्य (Assembly elections in Uttar Pradesh) मार्ग पर स्थित कार्यालय में शुक्रवार को सदस्यता ग्रहण कार्यक्रम व वर्चुअल रैली के दौरान भीड़ जुटने पर चुनाव आयोग ने शाम को सख्त रुख अख्तियार किया।
बता दें कि स्वामी प्रसाद मौर्या (Swami Prasad Maurya) के सपा (Samajwadi Party) ज्वाइनिंग कार्यक्रम में कोविड गाइडलाइंस के उल्लंघन को लेकर हुई एफआईआर के बाद गौतमपल्ली थाने के एसएचओ दिनेश सिंह बिष्ट को सस्पेंड कर दिया गया है। सपा मुख्यालय (SP Office Crowd) में बगैर इजाज़त भीड़ जुटने, कोरोना नियमों के पालन न होने पर चुनाव आयोग ने हजरतगंज के एसीपी और एसडीएम से भी स्पष्टीकरण मांगा है।
विदित हो कि पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य, मंत्री धर्म सिंह सैनी, भाजपा विधायक भगवती सागर, विनय शाक्य, रोशन लाल वर्मा, डॉक्टर मुकेश वर्मा, बृजेश प्रजापति और अपना दल विधायक अमर सिंह चौधरी समेत कई पूर्व विधायकों के सपा ज्वाइनिंग कार्यक्रम में भारी भीड़ जुटने पर एफआईआर दर्ज हो गई है। इस कार्यक्रम में मंच पर अखिलेश यादव भी मौजूद थे. स्वामी प्रसाद मौर्या, अखिलेश यादव ने मंच से भाषण भी दिया था. ऐसे में सपा मुख्यालय जिस थाने गौतमपल्ली में आता है वहां के एसएचओ को सस्पेंड कर दिया गया है।
बताया जा रहा है कि 14 जनवरी को मकर संक्रांति के साथ ही अशुभ माने जाने वाले खर मास का अंत हो जाता है. इसी को देखते हुए 14 जनवरी को मकर संक्रांति के शुभ दिन इस कार्यक्रम को रखा गया था, लेकिन पुलिस की ओर से एफआईआर दर्ज करा दी गई।
एफआईआर के मुताबिक, समाजवादी पार्टी के दो से ढाई हजार कार्यकर्ता 19, विक्रमादित्य मार्ग स्थित पार्टी कार्यालय के अंदर इकट्ठा थे जिनके बेतरतीब वाहनों के चलते विक्रमादित्य मार्ग पर जाम जैसी स्थिति बन गई थी। आचार संहिता के चलते धारा 144 भी लागू थी इसके बावजूद समाजवादी पार्टी के नेताओं, कार्यकर्ताओं द्वारा अवैध रूप से अवैधानिक जमावड़ा कार्यालय में किया गया, जबकि 15 जनवरी तक किसी भी प्रकार की रैली, जुलूस, मीटिंग पर पूरी तरह रोक है।