लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानसभा (Uttar Pradesh Assembly) के लिए दिल्ली में बीजेपी (BJP) चुनावी मंथन चला. सोमवार की दोपहर से शुरू हुई बैठक देर रात तक चली. इस बैठक में बीजेपी ने तमाम बड़े नेता और यूपी बीजेपी के पदाधिकारी मौजूद रहें. इस चुनावी महामंथन में राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda), गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah), बीएल संतोष (BL Santosh), सुनील बंसल (Sunil Bansal) और यूपी बीजेपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान (Dharmendra Pradhan) शामिल हुए. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath), डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya) और यूपी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह (Swatantradev Singh), अन्नपूर्णा देवी (Annapurna Devi) और संजीव चौरसिया (Sanjeev Chaurasia) जैसे नेता बैठक में मौजूद थे.
इस मंथन का मुख्य एजेंड़ा गठबंधन में दी जाने वाली सीटों का आंकड़ा तय करना था. सूत्रों के हवाले से खबर है कि गठबंधन दलों को दी जाने वाली सीट की संख्या तय हो चुकी है. बीजेपी कार्यालय में हुई इस चर्चा के बाद देर रात एक बैठक यूपी बीजेपी के चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के घर पर भी हुई, जहां सीट शेयरिंग को लेकर अपना दल की अनुप्रिया पटेल और निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के साथ लंबा मंथन चला. अब बैठक का दौर आज फिर बीजेपी दफ्तर में होगा जिसमें सीट शेयरिंग पर अनुप्रिया पटेल और संजय निषाद के साथ चर्चा होगी. अगर सब ठीक रहा तो इसका एलान भी हो सकता है.
यूपी चुनाव के लिए 107 प्रत्याशियों का बीजेपी ने किया एलान
उल्लेखनीय है कि बीजेपी ने शनिवार को उत्तर प्रदेश के लिए 107 उम्मीदवारों की घोषणा की थी. इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गोरखपुर शहर से चुनाव लड़ने और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कौशाम्बी जिले की सिराथू सीट से चुनाव मैदान में उतरने की घोषणा की गई थी. पार्टी ने जिन 107 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की थी, उनमें से 105 सीटों पर पहले और दूसरे चरण में मतदान होना है. गोरखपुर में छठे चरण के तहत तीन मार्च को जबकि सिराथू में पांचवें चरण के तहत 27 फरवरी को मतदान होना है. पार्टी की ओर से जारी पहली सूची में 20 विधायकों के टिकट भी काटे गए थे. समाचार एजेंसी पीटीईआ ने सूत्रों ने बताया कि टिकट जाने से व्याप्त हुए असंतोष को थामने के लिए भी पार्टी ने कवायद शुरू कर दी है और इसके लिए सांसदों की एक समिति का भी गठन किया है.
ज्ञात हो कि आगरा जिले में पार्टी ने पांच विधायकों के टिकट काटे हैं और अभी तक यहां सबसे अधिक असंतोष सामने आया है. पहले और दूसरे चरण में कुल 113 सीटों पर मतदान होना है जबकि दूसरे चरण में 14 फरवरी को राज्य की 55 सीटों पर मतदान होगा. उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीसरे चरण में 59 सीटों पर, 23 फरवरी को चौथे चरण में 60 सीटों पर, 27 फरवरी को पांचवें चरण में 60 सीटों पर, तीन मार्च को छठे चरण में 57 सीटों पर और सात मार्च को सातवें चरण में 54 सीटों पर मतदान होगा. गौरतलब है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को अकेले 312 और उसके सहयोगियों को 13 सीटों पर जीत मिली थी. सत्ता गंवाकर प्रमुख विपक्षी दल बनी समाजवादी पार्टी सिर्फ 47 सीटों पर जीत हासिल कर सकी थी.
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