अयोध्या। तीन दिवसीय दीपोत्सव (Festival of lights) का सोमवार को आगाज हुआ तो त्रेतायुग (Treta Yuga) जैसी सजी अयोध्या (Ayodhya) का दर्शन कर सभी निहाल हो उठे। दो किलोमीटर तक हुई भव्य सजावट से अयोध्या की शोभा देखते ही बन रही है। उदया चौराहे से लेकर नयाघाट तक, धमर्पथ से लेकर सरयू पुल तक रामकथा के दृश्य सजीव प्रतीत होते दिख रहे हैं। लेजर शो व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की बहुरंगी छटा बिखरने लगी है। आठवें दीपोत्सव की तैयारियां अंतिम चरण में हैं। राम की पैड़ी पर दीप बिछाने का काम तकरीबन पूरा किया जा चुका है। 30 अक्तूबर को 25 लाख दीये जलाकर अयोध्या विश्व कीर्तिमान बनाने जा रही है।
उल्लास और भगवान श्रीराम की स्तुति व भजनों से रामनगरी राममय हो उठी है। शाम होते ही राम की पैड़ी से लेकर सरयू घाट व रामकथा पार्क का पूरा क्षेत्र रोशनी से नहा उठा। लेजर शो व प्रोजेक्शन मैपिंग की रिहर्सल हुई तो लोग उमड़ पड़े। मुख्यमंत्री योगी बुधवार को राम की पैड़ी में दीप जलाएंगे।
राम की पैड़ी पर हजारों छात्र-छात्राओं की टीम दीपों की माला सजा रही है, तो राम की पैड़ी पर शाम होते ही लेजर शो में रामकथा की प्रस्तुति ने भक्तों को रामायण युग का अहसास करा दिया। मुख्य राजमार्ग के दोनों तरफ होर्डिंग, भव्य द्वार दीपोत्सव को प्रांतीय रूप दे रहे हैं। तरह-तरह के तोरणद्वार और घाटों की सजीधजी श्रृ़ंखला सबको भा रही है। इस मौके पर लोक संस्कृति भी अछूती नहीं है। विभिन्न मंचों पर हो रही सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में भारत के समृद्ध लोक संस्कृति की झलक दिख रही है।
रामकथा पार्क में सजकर तैयार रामदरबार
रामकथा पार्क में रामदरबार सजकर तैयार हो गया है। 90 फीट लंबे रामदरबार की सजावट राजमहल की थीम पर की गई है। डिजिटल तरीके से दरबार के पीछे पूरे दृश्य को दर्शाने की योजना है। रामदरबार के ठीक सामने साधु-संतों के बैठने के लिए मंच बनाया गया है। सोमवार को अधिकारी पूरे दिन सीटिंग प्लान पर चर्चा करते नजर आए। रामकथा पार्क के प्रवेश द्वार पर रामकथा आधारित लाइटिंग युक्त तोरण द्वार आकर्षण बढ़ा रहे हैं।
अवधपुरी अति रुचिर बनाई। देवन्ह सुमन बृष्टि झरि लाई…रामचरित मानस की यह पंक्ति साकार होती दिख रही है। अद्भुत दृश्य, भव्य सजावट, पुष्पों की लड़ियां, रामनगरी में गूंज रही रामधुन भक्ति का चरम प्रदर्शित कर रहा है। रोशनी से नहाई सरयू को देखकर मन यही दुआ करता है कि इस अभिनव दीपरात्रि की सुबह नहीं आए। – महंत डॉ़. भरत दास
अवध में उत्सव है भारी…दीपोत्सव में कुछ इसी तरह का उल्लास है। जन्मभूमि मम पुरी सुहावनि, उत्तर दिसि बहु सरयू पावनि…पंक्ति चरितार्थ हो रही है। आज अयोध्या में त्रेतायुग सजीव हो उठा है। रामलला भव्य महल में पहली दीपावली मनाएंगे तो पूरी अयोध्या जगमग होगी यह देखकर जीवन कृतार्थ होगा। – डॉ़. हरिप्रसाद दुबे, साहित्यकार
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