लखनऊ । गाजियाबाद के नंदग्राम थानाक्षेत्र(Ghaziabad’s Nandgram police station area) के सेवानगर में प्रार्थना सभा की आड़(cover of prayer meeting) में धर्मांतरण का खुलासा (Disclosure of conversion)होने पर जांच एजेंसियां(Investigative Agencies) भी सक्रिय हो गई हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, ईसाई मिशनरियों द्वारा बीमारी के इलाज, शादी और पैसों का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था। विदेशी फंडिंग की आशंका के चलते इन्ग्राहम शिक्षण संस्थान के पीटीआई और उसके साथियों के बैंक खातों की डिटेल खंगाली जा रही है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इन्ग्राहम शिक्षण संस्थान का पीटीआई जेराल्ड मैथ्यूज मैसी और उसके साथी गरीब और जरूरतमंद लोगों को बीमारी के इलाज, शादी-रोजगार का झांसा देकर जाल में फंसाते थे। इसके बाद उन्हें ईसाई धर्म के रीति-रिवाज के मुताबिक प्रार्थना सभा में आने के लिए प्रेरित करते थे। वहां कुछ लोगों को उनकी जररूत के मुताबिक सुविधाएं मुहैया कराकर अन्य लोगों को धर्म अपनाने के लिए कहते थे।
बजरंग दल धर्म जागरण प्रकोष्ठ के महानगर संयोजक नवीन सिंह का कहना है कि धर्मांतरण कराने वाला गिरोह गाजियाबाद के साथ आसपास के जिलों में भी सक्रिय है। गिरोह अब तक हजारों लोगों को धर्म परिवर्तन करा चुका है। वहीं, पुलिस का कहना है कि मकान में ईसाई धर्म की पुस्तकें और प्रचार-प्रसार की सामग्री मिली है। अंदेशा है कि बड़े पैमाने पर धर्मांतरण कराया गया है।
12 परिवारों का धर्म परिवर्तन कराया
बजरंग दल धर्म जागरण प्रकोष्ठ के महानगर संयोजक नवीन सिंह के मुताबिक, गिरोह ने नंदग्राम थानाक्षेत्र के 11 परिवारों का धर्म परिवर्तन कराया। इसके अलावा संजय नगर सेक्टर-23 स्थित एक परिवार के धर्मांतरण करने का भी पता चला है। गाजियाबाद के कई अन्य इलाकों में भी इस गिरोह के सक्रिय होने की बात सामने आई है। इस संबंध में संगठन अपने स्तर से खोजबीन कर रहा है।
आरोपियों के पक्ष में थाने पर हंगामा किया
इन्ग्राहम शिक्षण संस्थान के पीटीआई जेराल्ड मैथ्यूज मैसी और उसके साथियों के पकड़े जाने का पता लगते ही कुछ लोग विरोध जताने नंदग्राम थाने पहुंच गए। उन्होंने धर्मांतरण के आरोप को गलत बताते हुए हंगामा किया। बताया जा रहा कि जेराल्ड मैथ्यूज मैसी के समर्थन में पहुंचे लोग गाजियाबाद के अलावा आसपास के जिलों से आए थे। वहीं, बजरंग दल के नवीन सिंह का कहना है कि यह सभी लोग वह हैं, जिनका धर्मांतरण कराया जा चुका है। एसीपी नंदग्राम पूनम मिश्रा का कहना है कि सभी पहलुओं पर जांच की जा रही है। धर्मांतरण कराने में किसी तरह की फंडिंग तो नहीं हो रही थी, इसी तस्दीक भी की जा रही है।
करहेड़ा में 15 लोग पकड़े गए थे
करीब एक साल पहले करहेड़ा में भी धर्म परिवर्तन का एक मामला सामने आया था। मामले में पुलिस ने सात महिलाओं समेत 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया था। आरोपी किराये के तीन मंजिला मकान में धर्म परिवर्तन का गिरोह चला रहे थे। यहां मिले लोगों ने बताया था कि उन्हें कीर्तन के बहाने बुलाकर लाया गया था। यहां कीर्तन के बजाय प्रार्थना में शामिल किया गया। आरोप था कि उन्हें ईसाई बनने पर सभी दुख-दर्द दूर होने का झांसा दिया गया था।
पुलिस की जांच में सामने आया था कि लोगों को पैसे का भी लालच दिया गया था। सभी को एक-एक बाइबिल के अलावा प्रचार सामग्री भी दी गई थी। आरोपी इस पूरी प्रक्रिया का एक वीडियो भी बनाते थे, जिसके वायरल होने के बाद इस मामले में शिकायत की गई थी। पुलिस की जांच में सामने आया था कि यहां पर सामूहिक रूप से धर्म परिवर्तन करने की साजिश रची जा रही थी। धर्म परिवर्तन से इनकार करने वाले लोगों को लाखों की रकम भी देने का प्रलोभन देने की बात सामने आई थी।
मोदीनगर में पकड़ा गया था गिरोह
मोदीनगर के गांव शाहजहांपुर में 22 जुलाई 2022 को बड़े स्तर पर धर्मांतरण कराने का मामला सामने आया था। पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर हापुड़ निवासी महेंद्र और उसकी पत्नी को जेल भेजा था। दोनों ईसाई मिशनरी की संस्था का संचालन करते थे। मामले में मोदीनगर पुलिस ने चार्जशीट लगाकर भेज दी थी। गांव शाहजहांपुर निवासी कंवरपाल, उनकी कुसुम को क्लीनचिट दे दी गई थी।
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