लखनऊ। प्रदेश में भीषण गर्मी व लू चल रही है। इस दौरान गर्मी से लोगों की मृत्यु भी हो रही है। लू से अगर मृत्यु होती है तो ऐसे लोगों के परिजनों को राज्य आपदा मोचक निधि से चार लाख की आर्थिक सहायता दी जा सकती है। हालांकि इसके लिए मृत व्यक्ति का पोस्टमार्टम कराना जरूरी है।
लू से अगर किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो संबंधित व्यक्ति के परिवार को यह मामला लेखपाल, तहसीलदार, एसडीएम आदि आला अधिकारी के संज्ञान में लाना और उनका पोस्टमार्टम कराना होगा। राजस्व विभाग ऐसे मामले में पोस्टमार्टम कराएगा और इसकी रिपोर्ट डीएम को भेजेगा। डीएम रिपोर्ट के आधार पर इससे संबंधित राहत राशि जारी करेगा। राहत आयुक्त ने बताया कि दूसरी आपदाओं की तरह लू प्रकोप से मौत में भी डीएम भुगतान के लिए अधिकृत है।
अगर चुनाव ड्यूटी में लगे कर्मियों की लू से मौत होती है तो उन्हें भारत निर्वाचन आयोग के नियमों के तहत 15 लाख का मुआवजा दिए जाने की व्यवस्था है। वहीं राहत आयुक्त कार्यालय की परियोजना निदेशक अदिति उमराव ने बताया है कि समाचार पत्रों में शुक्रवार को लू से मृत्यु को लेकर प्रकाशित घटनाओं में से महोबा जिला प्रशासन ने दो और चित्रकूट ने एक जनहानि लू से होने की पुष्टि की है। इसके अतिरिक्त किसी जिले में हीटवेव से कोई भी जनहानि की पुष्टि नहीं हुई है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि भीषण गर्मी-लू का प्रकोप बढ़ने की वजह से आमजन, पशुधन और वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए हर स्तर पर पुख्ता प्रबंध किए जाएं। राहत आयुक्त कार्यालय मौसम पूर्वानुमान का दैनिक बुलेटिन जारी करे। गांव हो या शहर, कहीं भी अनावश्यक बिजली कटौती नहीं हो। अतिरिक्त बिजली खरीदने की व्यवस्था करें। ट्रांसफार्मर जलने, तार गिरने, ट्रिपिंग जैसी समस्याओं का बिना विलंब निस्तारण हो। अधिकारी फोन उठाएं, कहीं भी विवाद की स्थिति न बनने पाए। वरिष्ठ अधिकारी तत्काल स्वयं मौके पर पहुंचें।