लखनऊ। मीट कारोबारियों के ठिकानों (Meat traders’ locations) पर आयकर विभाग के छापों (Income Tax Department raids) के बाद हुई जांच में सनसनीखेज खुलासा हुआ है। आयकर विभाग ने उच्चाधिकारियों को भेजी अपनी गोपनीय रिपोर्ट (Confidential report) में कहा कि इन कंपनियों ने 1200 करोड़ रुपये नकदी (Rs 1200 crore cash) को कहां खपाया है, इसका जांच में पता नहीं चल सका है। इतना ही नहीं, ये कंपनियां कश्मीर की निजी सुरक्षा एजेंसियों (Private security agencies of Kashmir) की सेवाएं ले रही हैं, जिनकी भूमिका संदिग्ध है। ये देश की सुरक्षा के लिए खतरे का सबब बन सकता है, लिहाजा उच्चस्तरीय जांच कराना जरूरी है।
आयकर विभाग ने दिसंबर 2022 में बरेली के मारिया ग्रुप, रहबर ग्रुप, अल-सुमामा ग्रुप, लखनऊ एवं उन्नाव के रुस्तम ग्रुप और आगरा के एचएमए ग्रुप के ठिकानों पर छापा मारा था। यहां मिले दस्तावेजों की करीब एक साल तक हुई गहन पड़ताल में सामने आया कि संभल के प्रवीण रस्तोगी ने मीट कंपनियों को मनी लांड्रिंग के जरिए 524 करोड़ रुपये की नकद दिए थे। रहबर ग्रुप की 68 करोड़ की काली कमाई का खुलासा भी हुआ। साथ ही, रुस्तम ग्रुप का 535 करोड़ रुपये और मारिया ग्रुप की 102 करोड़ रुपये की बोगस बिक्री का पता चला।
आयकर विभाग ने अपनी रिपोर्ट में 1200 करोड़ रुपये की इस रकम को संदिग्ध गतिविधियों में खपाने में आशंका जताई है। खासकर देश के संवेदनशील इलाके के युवाओं को सुरक्षा का काम देने और बड़ी तादाद में नकद ट्रांजेक्शन कराना किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा कर रहा है। जम्मू-कश्मीर से जुड़ी निजी सुरक्षा एजेंसियों द्वारा कई अन्य मीट कारोबारियों को भी सुरक्षा दिए जाने के प्रमाण मिले थे। जिसके बाद आयकर विभाग ने इन एजेंसियों के बारे में भी सुराग जुटाए तो बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई।
कश्मीर का लिंक आया सामने
रिपोर्ट के मुताबिक मीट कारोबारियों की फैक्टरी और आवास पर सुरक्षा का काम कश्मीरी युवा कर रहे हैं, जो संदेहास्पद है। यह रकम जमात-ए-उलेमा हिंद और देवबंद जैसे संगठनों को भेजी गई। 40 देशों को भैंस का मांस निर्यात करने वाली आगरा की एचएमए एग्रो की जांच में सामने आया कि उसने एक अरबी अनुवादक भी रखा है, जो खाड़ी देशों के कुछ लोगों के लगातार संपर्क में रहता है। इसके संचालक आगरा के पूर्व बसपा विधायक जुल्फिकार अहमद भुट्टो हैं।
इन सुरक्षा एजेंसियों की हुई जांच
मारिया, रुस्तम और रस्तोगी ग्रुप ने राजौरी की खान सिक्योरिटी प्रोटेक्शन की सेवाएं ली हैं, जिसके अधिकतर कर्मचारी कश्मीरी युवा हैं। आगरा के एचएमए ग्रुप की सुरक्षा का काम जाफरान चौधरी सिक्योरिटी प्राइवेट लिमिटेड, हिंदुस्तान गार्ड फोर्स सिक्योरिटी सर्विसेज, सुभाना चौधरी सिक्योरिटी सर्विसेज और एशिया ग्रुप सिक्योरिटी को दिया गया। हिंदुस्तान गार्ड के मालिक जफर इकबाल और सुभाना चौधरी सिक्योरिटी के मालिक आबिद अली का पुंछ में कार्यालय है।
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