नई दिल्ली. प्रयागराज (Prayagraj) में छात्रों (students) के बढ़ते आंदोलन (Andolan) के बाद गुरुवार को योगी सरकार (yogi government) के दखल के बाद उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने अभ्यर्थियों की मांग स्वीकार कर ली. आयोग ने फैसला किया कि पीसीएस (PCS) परीक्षा को एक ही दिन शिफ्ट में कराया जाएगा.
हजारों छात्रों के आंदोलन के बाद आयोग को 10 दिन के अंदर यह फैसला वापस लेना पड़ा. सरकार के इस फैसले के बावजूद प्रयागराज में छात्रों का आंदोलन जारी है और उन्होंने फैसला किया है कि जब तक उनकी सारी मांगे नहीं मान ली जाती हैं तब तक उनका धरना प्रदर्शन जारी रहेगा. तो आइए जानते हैं कि सरकार द्वारा मांगे माने जाने के बावजूद भी आखिर छात्र क्यों अभी भी धरना प्रदर्शन कर रहे हैं.
सरकार ने छात्रों की क्या मांगे मानी
UPPSC ने गुरुवार को 2 शिफ्ट में परीक्षा का फैसला वापस ले लिया जो 5 नवंबर को ही लिया गया था.आयोग ने यूपी पीसीएस फिर से पुराने पैटर्न पर कराने का फैसला लिया करते हुए अपनी वेबसाइट पर नोटिस जारी कर इसकी आधिकारिक पुष्टि कर दी है.
आयोग के फैसले के मुताबिक अब पीसीएस परीक्षा (प्रारंभिक) को अब एक ही दिन और शिफ्ट में कराया जाएगा.
सरकार ने RO और ARO परीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय कमेटी गठित की गई है, जो रिपोर्ट आने के बाद आखिरी फैसला लेगी.
अधूरी जीत क्यों बता रहे हैं छात्र?
सरकार द्वारा मांग माने जाने के बावजूद प्रयागराज में छात्रों का प्रदर्शन अभी भी जारी है. छात्रों का कहना है कि जब तक उनकी सभी मांगें नहीं मान ली जातीं, उनका धरना जारी रहेगा. प्रतियोगी छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन बीती रात भी चला है.
दरअसल इस आंदोलन में दो परीक्षाओं के छात्र शामिल हैं. पीसीएस प्री और समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी, जिसे RO-ARO कहा जाता है.
अब तक ये था कि पीसीए प्री परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को दो-दो सत्रों में होगी. छात्रों ने आंदोलन किया तो अब ऐलान हुआ कि पहले की तरह वन डे वन शिफ्ट में पूरी होगी. यानी मांग पूरी हुई.
समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी वाली परीक्षा जो 22 और 23 दिसंबर को कराने की बात थी. उसको अभी फिलहाल बस स्थगित किया गया है. लेकिन आगे के फैसले के लिए कमेटी बनी है.
RO/ARO परीक्षा के बारे में कमेटी बनाने को कहा है, अब ये कैसी कमेटी होगी और एग्जाम एक पाली में होगा या नहीं अभी तक क्लियर नहीं हुआ है. अभ्यर्थियों का कहना है कि सरकार पहले क्लियर करे की RO/ARO एग्जाम कब होगा और कमेटी क्या डिसाइड करेगी?
छात्रों ने RO और ARO परीक्षा स्थगित करने के फैसले का विरोध करते हुए कहा है कि आयोग इस परीक्षा का नोटिफिकेशन तुरंत जारी करे, तभी वे अपना प्रदर्शन समाप्त करेंगे.
छात्रों की चिंता की असली वजह
जिस परीक्षा के लिए आंदोलन अब भी हो रहा है, वो है समीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी की परीक्षा. इनके पद कुल 411 हैं और 10 लाख 76 हजार अभ्यर्थी हैं. य़ानी एक पद के लिए 2618 युवाओं में कंपटीशन होगा. इतने कड़े मुकाबले के बीच 11 फरवरी 2024 को इसका पहले पेपर हुआ था. जो लीक हो गया. छात्रों ने पहले लीक पेपर के खिलाफ परीक्षा रद्द कराने का आंदोलन किया तो मार्च में परीक्षा जाकर रद्द हुई.
अब 22-23 दिसंबर की तारीख आई तो दो दिन में चार शिफ्ट का शिगूफा छेड़ दिया. फिर आंदोलन किया तो परीक्षआ स्थगित हुई लेकिन कमेटी के भरोसे जाकर एग्जाम छोड़ दिया गया. यही वजह है कि छात्र चाहते हैं कि मीक्षा अधिकारी-सहायक समीक्षा अधिकारी वाली परीक्षा की भी नोटिफिकेशन तुरंत जारी हो.
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