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यूपी के महराजगंज में रहस्यमय कारणों से 111 नवजात शिशुओं की मौत, मामले की जांच करने बनी कमेटी

January 30, 2023

महराजगंज (Maharajganj) । उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के महराजगंज जिले (Maharajganj District) में 10 माह के भीतर रहस्यमय कारणों से 111 मासूम काल के गाल में समा गए. एक रिपोर्ट में मातृत्व और शिशु मृत्यु दर के आंकड़े हैरान करने वाले हैं. बच्चों की हुई मौतों (child deaths) के रहस्य से पर्दा हटाने के लिए डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने सीडीओ, एसडीएम और सीएमएस के नेतृत्व में 3 सदस्यीय कमेटी बनाकर जांच के आदेश दे दिए हैं.

जिले में रहस्यमय कारणों से 10 माह के भीतर हुई 111 मासूमों की मौत ने जिला प्रसाशन को सकते में डाल दिया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी (DM) सत्येंद्र कुमार ने मुख्य विकास अधिकारी (CDO) गौरव सिंह सोगरवाल की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय कमेटी का गठन करते हुए शिशुओं की हुई मौत के कारणों की जांच करने के आदेश दिए हैं.


इस जांच टीम में सीडीओ के अलावा जिला अस्पताल के सीएमएस और अतिरिक्त एसडीएम सत्यप्रकाश मिश्रा भी हैं. यह टीम मातृत्व और शिशु मृत्यु रिपोर्ट के आंकड़ों में आई बढ़ोतरी की जांच करेगी. साथ ही यह जानने की भी कोशिश करेगी कि आखिर इतने शिशुओं की मौत क्यों और कैसे हुई?

गर्भवती महिलाओं के दूध में पाए गए कीटनाशक
उधर, प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित क्वीन मैरी अस्पताल में बीते दिनों की गई एक रिसर्च से पता चला है कि गर्भवती महिलाओं के दूध में कीटनाशक पाए गए. 130 शाकाहारी और मांसाहारी गर्भवती महिलाओं पर केजीएमयू के स्त्री और प्रसूति अस्पताल ने ऐसी प्रेग्नेंट महिलाओं पर स्टडी की थी.

सामने आई ये वजह
एनवायरमेंटल रिसर्च जनरल में पब्लिश यह अध्ययन प्रोफेसर सुजाता देव, डॉक्टर अब्बास अली मेहंदी और डॉक्टर नैना द्विवेदी द्वारा किया गया. डॉक्टर सुजाता ने बताया कि शाकाहारी महिलाओं के दूध में मांसाहारियों की अपेक्षा कम कीटनाशक पाए गए. हालांकि, मांसाहार से दूर रहने वाली महिलाओं के ब्रेस्ट मिल्क में फिर भी कीटनाशक पाए गए हैं और दूध में कीटनाशक पाए जाने का कारण केमिकल फार्मिंग है. उनमें कीटनाशक चीजों का ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है. तरह-तरह के पेस्टीसाइड और केमिकल्स हरी सब्जियों और फसलों में डाले जाते हैं.

स्तनपान से शिशु तक पहुंच रहे केमिकल
डॉक्टर सुजाता ने बताया कि मांसाहारी महिलाओं में इसकी वृद्धि ज्यादा पाई गई है. वह भी साढ़े तीन गुना ज्यादा. मांसाहार भक्षण करने वाली महिलाओं के दूध में ज़्यादा मात्रा में कीटनाशक मिले हैं, क्योंकि आजकल जानवरों में भी तरह तरह के इंजेक्शन लगाए जा रहे हैं. इसी वजह से मां के दूध में कीटनाशक बन रहे हैं और इन्हीं सब चीजों को लेकर हमने यह पता लगाना चाहा कि क्या मां द्वारा कराए जा रहे स्तनपान से शिशु में भी कीटनाशक पहुंच रहा है? और जब 130 महिलाओं पर अध्ययन किया गया तो पाया गया कि शिशु को जन्म देने के बाद मां के दूध में कीटनाशक मौजूद थे. इससे यह साफ हो गया कि भले ही शिशु जन्म लेने के उपरांत कुछ माह तक अनाज या किसी अन्य पदार्थ का सेवन न करे, लेकिन वह मां के दूध के माध्यम से कीटनाशक को अपने शरीर में ले रहे हैं.

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