इंदौर। कैंसर से पीडि़त 80 वर्षीय लीलाबाई हों या जावरा कंपाउंड निवासी प्रेमशंकर गुप्ता नालायक औलादों से पीडि़त बुजुर्गों को मायूसी ही हाथ लगी। दंड के डर से आंखों में आंसू लेकर पहुंचे बेटे-बहू मुंह चिढ़ाते, मुस्कराते हुए लौटे तो बुजुर्गों को अपनी लाचारी पर रोना पड़ा। कलेक्टर सफाई में छक्का लगाने का पुरस्कार लेने दिल्ली पहुंचे तो एसडीएम-तहसीलदार सुनवाई में ही नहीं पहुंचे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म दिवस पर शुरू हुए जनशिविरों में अधिकारियों के ढकोसले ही देखने को मिल रहे हैं। 1 अक्टूबर को वृद्धजनों के लिए आयोजित की गई जनसुनवाई सैकड़ों बुजुर्गों के हौसले पस्त कर गई। सुनवाई में एसडीएम से लेकर तहसीलदार, विभागीय अधिकारियों की अनुपस्थिति के चलते बेटे-बहू की धौंस सुनते हुए घर लौट रहे बुजुर्गों की आंखों में आंसू नजर आए। एडीएम अभय बेड़ेकर ही अकेले किला लड़ाते रहे। 200 से अधिक बुजुर्गों को विभाग के अधिकारियों ने फोन लगा-लगाकर मजमा इक_ा कर लिया, लेकिन न्याय दिलाने के नाम पर छलते रहे। 100 से अधिक आवेदन विभाग द्वारा लगाई गई पूछताछ टेबल पर दर्ज तो हुए, लेकिन सिर्फ दिखावा ही नजर आया। कैंसर पीडि़त लीलाबाई की बेटी शीला बरोलिया ने शिकायत करते हुए बताया कि बड़े-बड़े नेताओं के साथ कार्यकर्ता के रूप में कार्य कर रहे विजय पिता भेरूलाल चौहान बुजुर्ग महिला का इलाज तक नहीं करवा रहे। अधिकारियों ने फोन करके बुलाया था कि न्याय दिलाएंगे, लेकिन यहां तो अधिकारी ही नजर नहीं आ रहे।
बड़ी होटल के मालिक रहे हैं पुत्र पीडि़त गुप्ता
सराफा की फैमस भारत माता होटल के मालिक प्रेमसागर गुप्ता अपने ही घर के गोडाउन में जैसे-तैसे जीवन काट रहे हैं। शिकायत करने के बाद बहू ने घर पर कब्जा जमा लिया। कलेक्टर के निर्देश के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई। बहू प्रताडऩा का केस लगाकर फंसाना चाह रही है।
कलेक्टर नहीं थे तो अधिकारियों की चली मनमानी
वकील, रिटायर्ड शिक्षक, रिटायर्ड अधिकारी जीने की आस लेकर पहुंचे, लेकिन नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग की टेबलें खाली मिलीं। बिचौली हप्सी, सांवेर, देपालपुर, राऊ के अधिकारी नदारद रहे। एकमात्र खुड़ैल की टेबल पर विभाग का बाबू अकेला किला लड़ाता रहा।
शॉल-श्रीफल नहीं न्याय दिलाओ साहब
सामाजिक न्याय नि:शक्तजन कल्याण विभाग ने परिसर में पहुंचे बुजुर्गों का शॉल-श्रीफल और हारफूल पहनाकर सम्मान तो कर दिया, लेकिन आवेदनों का निराकरण नहीं होने के कारण अपना घर हड़पने की शिकायत लेकर पहुंचे प्रेमशंकर गुप्ता कह उठे- शॉल-श्रीफल नहीं न्याय दिलाओ साहब। 65 साल के शेख मोहम्मद रईस पैरों से लाचार होने के बावजूद न्याय की उम्मीद लेकर सुबह 10 बजे से ही परिसर में पहुंच गए थे, लेकिन अधिकारियों को गैरमौजूद देख बिफर पड़े। उन्होंने बताया कि 3 साल से न्याय के लिए चक्कर कटवा रहे हैं। आज भी बुलाकर धोखा ही किया।
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