न्यूयॉर्क। यूक्रेन (Ukraine-Russia Conflict)को लेकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) की ओर से किए गए ऐलान के बाद तनावपूर्ण हालात को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र (United Nations) ने मंगलवार को सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) की आपात बैठक बुलाई है. अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस (America, Britain and France) की मांग पर इस मसले को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में चर्चा होनी है. अल्बानिया, आयरलैंड, नॉर्वे और मेक्सिको समेत 15 देशों ने भी मीटिंग बुलाने के फैसले का समर्थन किया. इमरजेंसी मीटिंग न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में दोपहर 2 बजे से शुरू होगी. इस मीटिंग में भारत (India in UNSC) भी बयान देगा.
इन सबके बीच गौर करने वाली बात ये है कि रूस संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का एक स्थायी सदस्य देश है. इस लिहाज से अन्य चार स्थायी सदस्य देशों (अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम, चीन, फ्रांस) की तरह रूस को भी किसी भी प्रस्ताव पर वीटो पावर हासिल है. ऐसे में ये साफ नहीं है कि सुरक्षा परिषद की इमरजेंसी मीटिंग में आखिरकार क्या हासिल होगा. सोमवार को रूस ने यूक्रेन के दो प्रांतों लुहांस्क-डोनेस्टक को स्वतंत्र देश के तौर पर मान्यता देने का ऐलान कर दिया. इस फैसले पर यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने दो टूक लहजे में कहा है कि हम डरते नहीं हैं. जेलेंस्की को अभी भी पश्चिमी देशों के समर्थन की उम्मीद है. रूस के सरकारी टीवी चैनल पर पुतिन ने अलगाववादी नेताओं के साथ डिक्री पर हस्ताक्षर किए. इसके बारे में जर्मनी और फ्रांस को भी जानकारी दी गई, दोनों देशों ने इस फैसले पर निराशा जाहिर की. यूक्रेनी अधिकारियों को डर है कि अब अलगाववादी नेता रूस से सैन्य मदद का अनुरोध कर सकते हैं, जिससे इन इलाकों में रूसी सैन्य कार्रवाई का रास्ता आसान हो जाएगा. रूस के इस फैसले पर अमेरिका ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव जेन साकी ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन जल्द ही एक आदेश जारी करेंगे, जो अमेरिकी नागरिकों को लुहांस्क और डोनेस्टक क्षेत्र में इन्वेस्टमेंट से रोकेगा. अमेरिका के अलावा EU और ब्रिटेन भी पाबंदियां लगाने की बात कह रहे हैं. इसके अलावा बाइडन ने यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बात की. अमेरिका ने एक बार फिर से यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को बरकरार रखने की बात कही है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी जे ब्लिंकन ने एक बयान जारी कर रूसी राष्ट्रपति के ऐलान की निंदा की है. ब्लिंकन ने अपने बयान में कहा कि हम तथाकथित “डोनेट्स्क और लुहान्स्क” को “स्वतंत्र” के रूप में मान्यता देने के राष्ट्रपति पुतिन के फैसले की कड़ी निंदा करते हैं. उन्होंने कहा कि जैसा कि हमने कहा था जब ड्यूमा ने पहली बार अपना अनुरोध किया था, यह निर्णय मिंस्क समझौतों के तहत रूस की प्रतिबद्धताओं की पूर्ण अस्वीकृति का प्रतिनिधित्व करता है, सीधे तौर पर कूटनीति के लिए रूस की प्रतिबद्धता का खंडन करता है और यूक्रेन की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता पर एक स्पष्ट हमला है.