न्यूयॉर्क । संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के मानवीय सहायता मामलों के प्रमुख मार्टिन ग्रिफिथ्स (Martin Griffiths) ने सभी पक्षों से यूक्रेन (Ukraine) में पीड़ित नागरिकों के लिए सुरक्षित मार्ग की अनुमति देने का आह्वान किया, साथ ही उन क्षेत्रों में मानवीय आपूर्ति के लिए सुरक्षित मार्ग की आवश्यकता की भी बात की. ग्रिफिथ्स ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) को बताया कि उनके कार्यालय ने बेहतर मानवीय नागरिक-सैन्य समन्वय पर काम करने के लिए एक टीम मॉस्को भेजी है.
ग्रिफिथ्स ने रूस के यूक्रेन के खिलाफ हमला करने से उत्पन्न आपदा पर एक आपातकालीन बैठक में कहा कि मारियुपोल, खारकीव, मेलिटोपोल और अन्य जगहों पर नागरिकों को सहायता की सख्त जरूरत है. रूस ने नागरिकों को निकालने के लिए सोमवार सुबह से संघर्ष-विराम के साथ कई क्षेत्रों में मानवीय गलियारों को खोलने की घोषणा की.
हालांकि निकासी मार्ग ज्यादातर रूस और उसके सहयोगी देश बेलारूस की ओर जा रहे है. यह तुरंत स्पष्ट नहीं है कि क्या नागरिकों को निकाला जा रहा है. गलियारों की नई घोषणा के बाद भी रूसी सेना ने कुछ यूक्रेनी शहरों पर रॉकेट हमला जारी रखा और कुछ क्षेत्रों में भयंकर लड़ाई जारी रही. उत्तर, दक्षिण और मध्य यूक्रेन के शहरों में रूस की लगातार जारी गोलीबारी के बीच हजारों यूक्रेनी नागरिक वहां से सुरक्षित निकलने की कोशिश में जुटे हैं.
रूसी रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि यह संघर्ष-विराम राजधानी कीव, दक्षिणी बंदरगाह शहर मारियुपोल, यूक्रेन के दूसरे सबसे बड़े शहर खारकीव और सूमी से नागरिकों की निकासी के लिए घोषित किया गया है. दोनों पक्षों ने सोमवार को फिर से बातचीत की भी योजना बनाई, हालांकि इसमें कोई नतीजा नहीं निकला. इससे पहले भी दोनों देशों के बीच युद्ध को रोकने के लिए दो दौर की बातचीत हुई थी. उस दौरान भी युद्ध विराम को लेकर कोई ठोस हल नहीं निकल सका था. तीसरे दौर की बातचीत पर सबकी नजरें टिकी थीं. मगर रूस और यूक्रेन के बीच तीसरे दौर की वार्ता में भी कोई समाधान नहीं निकला.
खारकीव क्षेत्र की पुलिस ने सोमवार को कहा कि अकेले वहां 209 लोग मारे गए हैं, जिनमें से 133 नागरिक हैं. संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थी एजेंसी का कहना है कि अब तक 17 लाख से अधिक लोग युद्धग्रस्त यूक्रेन को छोड़कर सुरक्षित स्थानों में शरण ले चुके हैं. कई अन्य लोग शहरों में गोलाबारी की चपेट में फंसे हुए हैं. मारियुपोल में खाद्य पदार्थ, पानी और दवाओं की कमी हो गई है. यूक्रेनी अधिकारियों ने कीव के उपनगरों में विनाशकारी मंजर के बीच नागरिकों को निकालने की कोशिशें नाकाम होने की जानकारी दी है.
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