भोपाल। राज्य सरकार महिला सशक्तीकरण की दिशा में अविवाहित बेटियों के लिए 25 वर्ष की उम्र पूरी होने के बाद भी परिवार पेंशन देने पर विचार कर रही है। मुख्यमंत्री सचिवालय ने इस बारे में प्रस्ताव परीक्षण के लिए सामान्य प्रशासन विभाग को भेजा है, जहां यह मामला प्रक्रिया में है। वित्त विभाग 13 मार्च 2020 को परिवार पेंशन कल्याण मंडल की बैठक में इस प्रस्ताव पर सैद्धांतिक सहमति दे चुका है। प्रदेश में अभी कर्मचारियों के मामले में माता-पिता की मृत्यु के बाद बेटे को 18 साल और बेटी को 25 साल की आयु तक ही परिवार पेंशन पाने की पात्रता है। राज्य में यह परिवार पेंशन नियम 1976 से लागू हैं। केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों के मामले में 28 अप्रैल 2011 को पेंशन नियमों में संशोधन कर अविवाहित बेटी, विधवा, परित्यक्ता बेटी को पेंशन देने की पात्रता उम्र बढ़ा दी है। इसमें अविवाहित पुत्री के मामले में यदि आयु 25 साल से ज्यादा हो जाती है और जब तक उसका विवाह नहीं होता उसे परिवार पेंशन मिलती रहेगी। विधवा बेटी और परित्यक्ता के मामलों में आजीवन पेंशन का प्रावधान है। इस नियम को राज्य में भी लागू किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री सचिवालय ने सामान्य प्रशासन विभाग से परीक्षण करने को कहा है, ताकि पेंशन नियमों में संशोधन कर बेटियों को परिवार पेंशन प्राप्त हो सके।
सिर्फ 30 फीसदी का ही प्रावधान
परिवार पेंशन में सिर्फ मूल पेंशन की 30 फीसदी राशि दी जाती है। इसमें कर्मचारी के रिटायर होने के बाद उसे पेंशन के रूप में मूल वेतन की 50 फीसदी राशि दी जाती है। सेवानिवृत्त कर्मचारी की मृत्यु होने पर पत्नी को 30 फीसदी पेंशन मिलती है। सेवानिवृत्त कर्मचारी के मामले में पति-पत्नी दोनों की मृत्यु होने पर आश्रित बेटा और बेटी को परिवार पेंशन की पात्रता है। केंद्र ने न्यूनतम 9000 रुपए और राज्य सरकार ने 7550 रुपए
तय की है।
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