इंदौर। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी में तकरीबन 7 सालों से कुलाधिसचिव का पद खाली है। नवंबर में हुई कार्यपरिषद बैठक में टेबल एजेंडे पर सदस्यों ने आपत्ति उठाई। इसके बाद इसकी उम्मीद की जा रही है कि दिसंबर के आखिरी या जनवरी के पहले सप्ताह में कार्यपरिषद की बैठक होगी और इसमें यूनिवर्सिटी को नया कुलाधिसचिव मिल जाएगा।
यूनिवर्सिटी में जब भी कुलपति लंबे अवकाश पर जाते हैं, तब उनकी अनुपस्थिति में कुलाधिसचिव को वह सारे अधिकार विधिसम्मत प्राप्त होते हैं। वहीं वह नीतिगत निर्णय लेने में भी सक्षम होते हैं। देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी में तकरीबन 7 साल पहले डॉ. राजकमल आखरी कुलाधिसचिव रहे हैं। इसके बाद से नियुक्ति इस पद पर नहीं हो पाई। अब कुलपति भी यूनिवर्सिटी के पास है और कार्यपरिषद के सदस्य भी यूनिवर्सिटी में पर्याप्त हो गए हैं। नवंबर की कार्यपरिषद बैठक में कुलाधिसचिव के लिए टेबल एजेंडे में यह प्रस्ताव रखा गया, पर कार्यपरिषद के सदस्यों ने इसे यह कहकर नकार दिया कि कुलाधिसचिव महत्वपूर्ण पद होता है और इसे तात्कालिक एजेंडे में शामिल नहीं किया जा सकता।
प्रभारी कुलपति के लिए देनी होती है राजभवन को सूचना
कुलपति जब भी अवकाश पर जाते हैं तो इसकी सूचना राजभवन को देनी अनिवार्य होती है। वहीं प्रभारी कुलपति को सिर्फ परीक्षा और रिजल्ट के निर्णय पर ही अधिकार होता है, जबकि कुलाधिसचिव को कुलपति के समान सभी अधिकार व शक्तियां प्राप्त होती हैं। वह सभी निर्णय लेने में सक्षम होते हैं और इसके लिए बार-बार राजभवन को सूचना भी नहीं देना होती। उम्मीद की जा रही है कि इस बार कुलाधिसचिव के लिए कुलपति डॉ. अशोक शर्मा का नाम आगे बढ़ाएंगे और इनकी नियुक्ति भी अगली कार्यपरिषद बैठक में होना तय माना जा रहा है।
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