लखनऊ। पूरे देश में पहली बार किसी विश्वविद्यालय ने अपने विद्यार्थियों के लिए पढ़ाई के साथ ही पाॅकेट मनी की व्यवस्था की है, वह लखनऊ विश्वविद्यालय है। लखनऊ विश्वविद्यालय ने अपने विद्यार्थियों के लिए ‘कर्मयोगी योजना’ शुरू की है। इसके तहत विश्वविद्यालय अपने विद्यार्थियों को पढ़ाई के साथ ही काम भी देगा, जिसके लिए 150 रुपये प्रति घंटे की भुगतान की राशि तय की गई है। इस संबंध में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय ने कहा कि मूल्यवान मानव संसाधन के रूप में छात्रों की क्षमता का उपयोग करना इसका मूख्य उद्देश्य है। इससे शिक्षा अर्थात ज्ञानार्जन के साथ धनार्जन भी होगा। इसका उद्देश्य विश्वविद्यालय की गतिविधियों में छात्रों को शामिल करना, छात्रों को उनके वास्तविक रोजगार प्राप्त करने से पहले काम का अनुभव प्रदान करना है। साथ ही इसके जरिये छात्रों को श्रम की गरिमा का अहसास होगा।
कुलपति प्रो. आलोक राय ने हिन्दुस्थान समाचार से विशेष वार्ता में कहा कि इसका उद्देश्य छात्रों की युवा ऊर्जा को सकारात्मक दिशा में ले जाना भी है। इसके तहत नियत कार्य करने के लिए विद्यार्थियों को प्रति घंटा 150 रूपये का भुगतान किया जाएगा। एक शैक्षणिक सत्र में 50 दिनों की सीमा के अधीन एक घंटे और अधिकतम दो घंटे काम करने की अनुमति होगी। ‘कर्मयोगी योजना’ के तहत एक छात्र को दी जाने वाली अधिकतम वार्षिक राशि 15,000 रुपये देय होगी। एजेंसी