उज्जैन। पूरा देश नशे के विरोध में आंदोलन कर रहा है। युवाओं को नशे से बचाने के लिए विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यह बात समाजशास्त्र अध्ययनशाला तथा सामाजिक न्याय विभाग द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय की शलाका दीर्घा सभाकक्ष में आयोजित कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फेंंसिंग के माध्यम से केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय मंत्री वीरेंद्र खटीक ने संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश अच्छा काम कर रहा है और विश्वविद्यालय की इसमें सकारात्मक भूमिका रही है। अध्यक्ष कुलपति प्रो. अखिलेश कुमार पाण्डेय ने कहा विक्रम विश्वविद्यालय ने पूरे राज्य में नशा मुक्ति पर सर्वाधिक कार्य किया है। मुख्य वक्ता समाजशास्त्र विभाग अध्यक्ष डॉ ज्योति उपाध्याय ने कहा कहते हैं हेरोइन से हल्का यानी अच्छा नशा अफीम का है, अफीम से अच्छा चरस का, चरस से गांजा, गांजा से अच्छा तंबाकू का और तंबाकू से अच्छा शराब का, लेकिन सच यह है कि कोई भी नशा अच्छा नहीं है। सभी शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं। कार्यक्रम में रुचि मिश्रा, कुलसचिव डॉ. प्रशांत पौराणिक, कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र शर्मा, राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रभारी डॉ प्रदीप लाकरे, डॉ मनीषा चौरे, अजय पंवार, राकेश सिंघल, भाविल सेन, डॉ. मनु गौहरा, डॉ. वीके आंजना कार्यक्रम में उपस्थित थे। जागृति नशा मुक्ति केंद्र ने नशा मुक्ति प्रदर्शनी लगाई और कलापथक दल के नरेश कुशवाहा के समन्वय में गीतों का गायन किया गया।
महामाया आश्रम के संस्थापक कावड़ यात्रा में शामिल हुए
उज्जैन। महामाया आश्रम के संस्थापक सुरेश्वर दास महाराज एवं समाजसेवी भगवानसिंह पंवार ने आगर रोड पर बिछड़ोद से आई कावड़ यात्रा की अगवानी की एवं महामाया आश्रम तक पैदल चलकर कमेड रोड पर पहुंचे। वहाँ पर देवी चन्द्रावली की सम्पूर्ण शिवपुराण कथा जिसमें बारह ज्योतिर्लिंग का महत्व विस्तारपूर्वक बताया और कहा कि मनुष्य को जीवन में बारह ज्योतिर्लिंग, 84 महादेव, 7 सागर, नौ नारायण करने चाहिए।
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