भोपाल। उच्च शिक्षा मंत्री डा. मोहन यादव ने कहा है कि विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालयों द्वारा अपने कार्य क्षेत्र के कम से कम एक गांव को गोद लेकर अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन करना चाहिए। ऐसे ग्रामों को गोद लेने वाली संस्था ग्रामों में स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वारोजगार आदि की गतिविधियों का समुचित प्रशिक्षण भी देगी। उन्होंने कहा कि योजना की गांवो में जानकारी देने के लिए किए गए कार्यों एवं गतिविधियों की वार्षिक समीक्षा कर उन्हें प्रोत्साहित और पुरस्कृत करने की योजना शीघ्र बनायें।
इसके साथ ही उन्होंने कहा- विभागीय गतिविधियों, कार्यक्रमों और योजनाओं के सम्बन्ध में तथ्यपरक जानकारी प्रस्तुत करें ताकि समुचित निर्णय लेकर व्यवस्थित कार्यवाही प्रारम्भ की जाए और उद्देश्य की पूर्ति सुनिश्चित हो सके। बैठक में मंत्री डा. यादव ने कहा कि महाविद्यालयों में संचालित पाठ्यक्रमों और उपलब्ध पदों का युक्तियुक्तकरण करना पहली प्राथमिकता है इस कार्य को इस माह के अंत तक पूरा करना सुनिश्चत करें। उन्होंने कहा महाविद्यालय में संचालित पाठयक्रम के अनुसार प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक आदि की व्यवस्था करना आवश्यक है। मंत्री डा. यादव ने कहा कि आज के परिवेश में जिन विषयों पर शिक्षा की सर्वाधिक आवश्यकता है, परिणामदायी हों, उन्हीं विषयों, पाठ्क्रम, संकाय को पहले प्रारम्भ किया जाए। बैठक में ख्याति प्राप्त व्यक्तियों के नाम पर शासकीय महाविद्यालयों के नामकरण, नवीन निजी महाविद्यालयों की स्थापना, जनभागीदारी समितियों के पंजीयन, विधि महाविद्यालयों में नव नियुक्त सहायक प्राध्यापकों की उपलब्धता, जरूरत के साथ आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के रोडमैप तथा उच्च शिक्षा में नवाचार आदि बिन्दुओं पर चर्चा की गई। शासकीय महाविद्यालय भवनों के निर्माण एवं उन्नयन की समीक्षा करते हुए मंत्री डा. यादव ने निर्देश दिए कि महाविद्यालय भवनों सहित सभी विभागीय निर्माण कार्य गुणवत्तापूर्ण और समयसीमा में पूर्ण किए जाना सुनिश्चित करें। प्रदेश के 50 शासकीय महाविद्यालयों को बहुविषयक बनाया जायेगा ताकि एक स्थान पर अधिकतम विषयों की शिक्षा दिए जाने की व्यवस्था हो सके। उच्च शिक्षा विभाग द्वारा एकीकृत पोर्टल का निर्माण करवाया जा रहा है। मैप आईटी के सहयोग से करीब 478 करोड़ में यह पोर्टल तैयार होगा।
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