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    United Nations: चीन की मदद से पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ चली नई चाल, जानें क्या है मामला

  • August 29, 2024

    वॉशिंगटन: दूसरे व‍िश्‍वयुद्ध (second world war) के बाद से ही दुनिया में बहुत बदलाव हो गया है। अब दुनिया बहुध्रुवीय विश्‍व की ओर बढ़ चुकी है। इसके बाद भी व‍िश्‍व के सबसे शक्तिशाली संगठन संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations) में सुधारों को लेकर कोई ठोस पहल नहीं हुई। अब भारत (India) समेत जी 4 देशों (4 countries) की लगातार मांग के बाद इस वैश्विक संगठन में करीब 80 साल बाद सुधारों की पहल शुरू होने जा रही है। संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में अभी अमेरिका, चीन, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन स्‍थायी सदस्‍य हैं। पश्चिम, एशिया, अफ्रीका, लैटिन अमेरिका, दक्षिण एशिया समेत दुनिया के कई अहम हिस्‍सों का इस संगठन में कोई प्रतिन‍िधित्‍व नहीं है। इस संगठन अब एक बार फिर से सुधार की मांग को जोर दिया जा रहा है। सितंबर महीने में संयुक्‍त राष्‍ट्र मुख्‍यालय में आम सभा की वार्षिक बैठक होने जा रही है। सियरा लियोन के राष्‍ट्रपति जूलियस मादा बायो ने एक बार फिर से अफ्रीका के दावे को पुरजोर तरीके से उठा दिया है। वह सुरक्षा परिषद में अफ्रीका के लिए दो स्‍थायी सदस्‍यता चाहते हैं। इस बीच भारत ने भी एक बार फिर से दुनिया से निर्णायक और पारदर्शी तरीके से सुरक्षा परिषद में सुधार की मांग की है।


    संयुक्‍त राष्‍ट्र में भारत की उप स्‍थायी प्रतिनिधि योजना पटेल ने पिछले दिनों जोर देकर कहा था कि सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए और ज्‍यादा निर्णायक और पारदर्शी तरीका अपनाया जाए। भारत ने मांग की है कि लंबे समय से चले आ रहे मुद्दों का समाधान करने के लिए लिख‍ित बातचीत हो। उन्‍होंने कहा कि कई कदमों को उठाए जाने के बाद भी सुधारों की दिशा में यह प्रगति अभी भी बहुत धीमी है। साथ ही मुद्दे की जटिलता को देखते हुए अपेक्षा पर खरा नहीं उतरता है। भारत ने आईजीएन फ्रेमवर्क में लिख‍ित बातचीत पर लगातार जोर दिया है ताकि इस दिशा में ठोस प्रगति हो सके लेकिन यह अभी तक हो नहीं पाया है।

    भारत ने बनाया जी 4, पाकिस्‍तान कर रहा विरोध

    भारतीय प्रतिनिध‍ि ने सुरक्षा परिषद में सुधार के लिए और ज्‍यादा ठोस और अर्जेंट रवैये पर जोर दिया। योजना पटेल ने कहा कि बिना लिखित बातचीत के कोई भी ठोस प्रगति नहीं होगी जिससे यह सुधारों की प्रक्रिया बेकार साबित होगी। संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव एंटोनियो गुटरेस ने कहा है कि उन्‍हें बहुत उम्‍मीद है कि सदस्‍य देश अपना विवेक द‍िखाएंगे ताकि सुरक्षा परिषद में सुधारों को लेकर रिजल्‍ट हासिल किया जा सके। संयुक्‍त राष्‍ट्र महासचिव सुधारों को लेकर बहुत मुखर रहे हैं और उनकी खास कोशिश है कि अफ्रीका के एक देश को कम से कम सुरक्षा परिषद में स्‍थायी सदस्‍यता मिल सके।

    संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में सुधारों को लेकर फरवरी 2009 में पूरी तरह से बातचीत शुरू हुई थी। इसमें 5 क्‍लस्‍टर बनाए गए थे जिसमें मेंबरशिप की कटेगरी, वीटो पावर, क्षेत्रीय प्रतिनधित्‍व, सुरक्षा परिषद में कितने नए सदस्‍य शामिल किए जाएं आदि शामिल थे। भारत ने जर्मनी, ब्राजील और जापान के साथ मिलकर जी 4 ग्रुप बनाया है। ये देश चाहते हैं कि सुरक्षा परिषद में 6 अतिरिक्‍त स्‍थायी और 4 अस्‍थायी सदस्‍य शामिल किए जाएं। वहीं पाकिस्‍तान ने इटली के साथ मिलकर यूएफसी ग्रुप बनाया है। पाकिस्‍तान को चीन का भी पर्दे के पीछे से पूरा समर्थन मिला हुआ है। पाकिस्‍तानी ग्रुप अतिरिक्‍त स्‍थायी सदस्‍य संख्‍या बढ़ाने का कड़ा विरोध किया है।

    पाकिस्‍तान ने भारत के आग्रह का क‍िया विरोध

    पाकिस्‍तानी ग्रुप ने गैर स्‍थायी सदस्‍य देशों की एक नई कटेगरी बनाने का प्रस्‍ताव दिया है जो लंबे समय तक सदस्‍य रह सकें और उनको फिर से चुने जाने का विकल्‍प मौजूद रहे। अभी स्‍थायी सदस्‍य केवल 2 साल के लिए चुने जाते हैं। पाकिस्‍तान ने सुरक्षा परिषद में सुधारों की भाषा को लेकर भारत के प्रस्‍ताव का भी विरोध किया है। पाकिस्‍तान ने भारत के लिख‍ित बातचीत के आग्रह का भी कड़ा विरोध किया है। पाकिस्‍तान ने कहा कि 5 क्‍लस्‍टर पर सहमति नहीं है और इस वजह से लिख‍ित बातचीत नहीं की जा सकती है। साथ ही कोई कृत्रिम डेडलाइन को तय नहीं किया जाए जिसकी मांग भी भारत कर रहा है। व‍िश्‍लेषकों का कहना है कि पाकिस्‍तान और चीन नहीं चाहते हैं कि एशिया में कोई और भी इस शक्तिशाली गुट का सदस्‍य बने, इसलिए दोनों मिलकर इस प्रक्रिया को टालने की कोशिश में लगे हैं।

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