अबू धाबी। संयुक्त अरब अमीरात (United Arab Emirates) में रहने वाले भारतीयों के लिए एक अच्छी खबर है. 2 फरवरी से देश में नया श्रम कानून (UAE New Labour Law) लागू हो गया है. नए कानून ( New Labour Law) में कामगारों में नए अधिकार दिए गए हैं. यूएई की अर्थव्यवस्था (UAE economy) में भारतीय नागरिकों का बड़ा योगदान(Big contribution of Indian citizens) है. ऐसे में माना जा रहा है कि नए कानून (Law) से भारतीय कामगारों को भी कई लाभ (Indian workers also many benefits) होंगे.
भारतीय देश की कुल आबादी का 40 फीसदी हिस्सा हैं और इनकी संख्या 35 लाख है. बड़ी संख्या में भारतीय नागरिक (Indian workers) यूएई के प्राइवेट क्षेत्र में नौकरी करते हैं. नए संघीय डिक्री कानून संख्या 33 में कामगारों को अधिकारों की सुरक्षा की गारंटी मिलती है. यूएई ने मानव संसाधन मंत्रालय ने कहा कि नए कानून के मुताबिक अब नौकरी के कॉन्ट्रैक्ट में हर छोटी चीज की जानकारी शामिल की जाएगी.
नए कॉन्ट्रैक्ट में कामगार, उसके नियोक्ता, काम का ब्यौरा, काम के घंटे, छुट्टियां, ज्वाइनिंग डेट, वर्किंग प्लेस, सैलरी, सालाना छुट्टी, नोटिस पीरियड समेत हर जानकारी शामिल होंगे. गल्फ न्यूज से बात करते हुए यूएई के वकील अली मुसाबा ने कहा कि नए कानून से अब नौकरी का कॉन्ट्रैक्ट एक सीमित समय के लिए ही होगा, जबकि पहले ऐसा नहीं था. कंपनियां अब कामगारों को अधिक से अधिक तीन साल के लिए नौकरी पर रख पाएंगे. इसके बाद इसे दोबारा रिन्यू करना होगा. सरकार ने सभी प्राइवेट कंपनियों को नए कानून के अनुसार नए कॉन्ट्रैक्ट का मसौदा तैयार करने के लिए कहा है. कानून के लागू होने के एक साल के भीतर कंपनियों को अपने नौकरी कॉन्ट्रैक्ट में बदलाव करना होगा. नए कानून से अब कोई भी नियोक्ता किसी कामगार को हमेशा के लिए काम पर नहीं रख पाएगा. मुसाबा ने कहा कि अब कामगारों को कुछ नई छुट्टियां भी मिलेंगी. कंपनियों को अपने कर्मचारियों को हर हफ्ते कम से कम एक छुट्टी देनी होगी. इसके अलावा घर में किसी का देहांत होने पर तीन से पांच छुट्टी, परीक्षा की तैयारी के लिए 10 दिन की छुट्टी, महिलाओं को 60 दिन की मैटरनिटी लीव, गर्भावस्था के दौरान 45 दिन की छुट्टी वेतन सहित और 15 दिनों की छुट्टी आधे वेतन के साथ सशर्त मिलेंगी. नया कानून कर्मचारियों और नियोक्ताओं के बीच पारदर्शिता को बढ़ाएगा. नया श्रम कानून लागू करने के पीछे यूएई का उद्देश्य विदेशी कामगारों को लुभाना है. उम्मीद की जा रही है कि इससे नियोक्ताओं और यूएई के कर्मचारियों के बीच बेहतर संबंध बनेंगे.