देवास। मध्य प्रदेश (MP) के देवास जिले में आज भी मान्यता है कि अगर गोवर्धन पूजा (govardhan puja) के दिन बच्चे को गोबर में लिटाएं तो वे बीमार नहीं होते हैं।
बता दें कि मप्र के धार और देवास जिले में जहां ‘गोविंद बोलो, हरि गोपाल बोलो’ की धुन के साथ जमीन पर लेटे लोगों के ऊपर से गायें दौड़कर निकलती हैं, हालांकि यह परंपरा कोई नई नहीं है, बल्कि गवली समाज में सालों से चली आ रही है। गवली समाज के लोगों का कहना है कि यह तो हमारी पुरूखों से मिली है।
इसी तरह इस साल भी यादव समाज ने पड़वा पर बच्चों की लंबी उम्र के लिए बच्चों को गोबर में लिटाया। पर्व पर सुबह समाज की महिलाओं ने गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाई और फिर मंगल गीत गाए। इसके बाद यह परंपरा को निभाया गया ।
इस परंपरा के बीच लोगों ने दिवाली की तरह जमकर पटाखे भी फोड़े। इसके अलावा लोगों ने एक-दूसरे को मिठाई खिलाई और अपने-अपने मवेशियों का श्रृंगार किया। किसानों ने भी जानवरों को सजाकर उनकी पूजा की। गाय, बैल और बछड़ों को छापों और मोर पंखों से सजाया गया।
विदित हो कि प्रकाश का पर्व दीपावली के दूसरे दिन होने वाली गोर्वधन पूजा का बड़ा महत्व होता है। वैसे से यह पर्व बुन्देलखंड में भी बड़े धूमधाम के साथ मानाया जाता है यहां तो मौनी बाबा बनकर सांस्कृतिक नृत्य भी करते हैं।
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