सैक्रामेंटो। कैलिफोर्निया(california) के तट के पास स्थित मॉन्टेरे की खाड़ी (Monterey Bay) की गहराई में एक ऐसा बड़ा समुद्री शैतान (sea devil) दिखा जिसके मुंह में 33 फीट लंबी सूंड़(33 feet long trunk in the mouth) थे. वो इन्हीं सूंड़ों की मदद से खाना खा रहा था. वैज्ञानिक गहरे समुद्र के अंदर रिमोट सबमरीन से फुटेज बना रहे थे, तभी ये बड़ा समुद्री शैतान दिखाई दिया.
असल में यह एक जायंट फैंटम जेलीफिश (Giant Phantom Jellyfish) है जो शांति से अपना खाना खाते हुए गहरे समुद्र में तैर रहा था. वैज्ञानिक भाषा में इसे स्टीजियोमेडुसा गिगांटिया (Stygiomedusa gigantea) कहते हैं. जिस समय मॉन्टेरे बे एक्वेरियम रिसर्च इंस्टीट्यूट Monterey Bay Aquarium Research Institute (MBARI) वैज्ञानिकों की रिमोट से चलने वाली सबमरीन मॉन्टेरे की खाड़ी में 3200 फीट नीचे पहुंची तो उसमें लगे कैमरों ने इस जीव को देखा.
MBARI के वैज्ञानिकों ने कहा कि हमने अब तक 9 बार इस जीव को देखा है, लेकिन पहली बार यह अपने मुंह के सूंड़ों के बाहर निकाल कर खाना खाते दिखाई दिया. इसे सबसे पहले 1899 में देखा गया था. दुनिया भर के वैज्ञानिक तब से लेकर अब तक इस जीव को 100 से ज्यादा बार देख चुके हैं. लेकिन ऐसा नजारा इससे पहले कभी नहीं देखा गया. वैज्ञानिकों ने बताया कि धरती पर मौजूद सभी जेलीफिश में यह सबसे बड़ी होती है. यह दुनिया के सभी समुद्रों में ज्यादा गहराई में रहने वाला जीव है. यह सिर्फ आर्कटिक सागर में नहीं मिलता. यह जीव इंसानों की पहुंच से दूर गहरे समुद्र में रहता है, ऐसा लगता है कि ये खाने की तलाश में थोड़ा ऊपर तक आ गया था, इसलिए रिमोट सबमरीन में दिखाई दे गया नहीं तो इसे देखना मुश्किल होता है. सनहैट (Sunhat) की तरह इस दिखने वाला इसका सिर 3.3 फीट चौड़ा होता है. जबकि इसके मुंह से निकलने वाले सूंड़ 33 फीट तक लंबे हो सकते हैं. इसके सूंड़ की खासियत ये होती है कि अगर इस जीव पर कोई जीव हमला करता है तो ये अपने सूंड़ों के मुंह से तोड़ देता है. ताकि शिकार होने से बच जाए. क्योंकि कुछ ही दिनों में इसके नए सूंड़ निकल आते हैं. सिर का हिस्से पर नारंगी रंग का असर होता है. वैज्ञानिक कई बार गहरे समुद्र में रहने वाले जीवों के अध्ययन के लिए नेट ट्रॉल्स का उपयोग करते हैं. यानी एक तरह का जाल बिछाते हैं. लेकिन आजतक इनमें कभी फैंटम जेलीफिश नहीं फंसी है. क्योंकि ये जाल में फंसते ही अपने शरीर को अलग-अलग हिस्सों में बांट लेती हैं. इसका अध्ययन करने के लिए रिमोट से चलने वाली सबमरीन का ही सहारा लेना पड़ेगा.