खंडवा। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के खंडवा जिले (Khandwa district) में बुधवार को अनोखा नजारा देखने को मिला। यहां नगर निगम (Nagar Nigam) के सामने कांग्रेस पार्षदों (congress councilors) ने भीख मांगी (begged) और देर शाम भीख में मिली रकम को नगर निगम के खजाने में जमा करवाया गया। दरअसल कांग्रेस पार्षदों के आरोप थे कि उनके वार्डों में विकास (development in wards) के कोई कार्य नहीं किया जा रहे हैं और नगर निगम फंड न होने और वित्तीय संकट होने का बहाना बना रहा है। भाजपा (BJP) से जुड़े पार्षदों के वार्डों में काम करवाए जा रहे हैं। इसलिए हमें इस तरह से पैसा जमा कर नगर निगम के खजाने में जमा करना पड़ा।
बता दें कि कांग्रेस के प्रदर्शन में निर्दलीय पार्षदों ने भी शामिल होकर निगम के लिए भीख मांगी। खंडवा में कांग्रेस सहित निर्दलीय पार्षदों ने अनोखा विरोध प्रदर्शन करते हुए बुधवार को नगर निगम परिसर के बाहर बैठकर हाथों में थाली लिए भीख मांगी। पार्षदों ने चौराहे पर भीख मांगकर इकट्ठा किया पैसा निगम के खजाने में जमा भी करवाया। इस दौरान पार्षदों का आरोप था कि नगर निगम के द्वारा उनके वार्ड में कोई विकास के कार्य नहीं करवाए जा रहे हैं। उनके वार्ड के लोगों को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं और इसके उलट केवल भाजपा पार्षदों के वार्ड में ही काम हो रहे हैं। तो वहीं शहर में कई विकास के कार्य ठप पड़े हुए हैं। इसको लेकर हमेशा ही नगर निगम में पैसा नहीं है, ऐसा निगम आयुक्त कांग्रेस के पार्षदों को कहते हैं।
यहां है अंधेर नगरी चौपट राजा वाली बात
इस अनोखे प्रदर्शन को लेकर निगम के नेता प्रतिपक्ष दीपक राठौड़ ने बताया कि निगम की परिषद के 18 महीने हो चुके हैं। यहां पर पार्षद से लेकर मुख्यमंत्री तक सभी भाजपा के हैं, इसलिए पहले तो यहां कांग्रेस पार्षदों के वार्डों में भेदभाव कर काम नहीं किया जाता था और अब यह कह रहे हैं कि निगम में वित्तीय संकट है और फंड नहीं है।
यहां फर्जी बिल लगा कर और भ्रष्टाचार कर नगर निगम को बर्बाद कर दिया गया है। हम कांग्रेस के सभी पार्षद यहां भीख मांगकर पैसा इकट्ठा कर रहे हैं। जिसे नगर निगम के फंड में जमा किया जाएगा और हम बोलेंगे कि हमारे वार्डों में इससे विकास कार्य किया जाएं। भले ही एक-एक छोटा सा स्पीड ब्रेकर ही बना दिया जाए। यहां अंधेर नगरी चौपट राजा वाली बात है। यहां कोई इन लोगों को बोलने वाला नहीं है, इसलिए भ्रष्टाचार हो रहा है।
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