छतरपुर। खजुराहो (Khajuraho) में चल रहे 7वें अंतरराष्ट्रीय खजुराहो फिल्म महोत्सव (Khajuraho) के मंच पर शुक्रवार की शाम कला और संस्कृति के बहार की झलक देखने को मिली। मंच पर आरक्षण मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के द्वारा कला और संस्कृति की अनूठी गई। इस प्रस्तुति के माध्यम से आदिवासी एवं जनजातीय कला सहित उत्तर भारत की कलाकृतियों को मंच से देखने को मिला।
खजुराहो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव की प्रस्तुति में शुक्रवार को प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता एवं टीवी कलाकार मनोज जोशी, गुषा कपूर एवं सोनाली फोगाट उपस्थित रहे। आयोजन प्रमुख राजा बुंदेला ने बताया कि खजुराहो अंतरराष्ट्रीय फिल्मोत्सव के माध्यम से प्रतिदिन स्थानीय व क्षेत्रीय कलाकारों को मंच प्रदान किया जा रहा है, साथ ही मुंबइया कलाकारों की बेहतरीन प्रस्तुति के साथ आने वाले हजारों की तादाद में दर्शक आनंदित हो रहे हैं एवं कला व संस्कृति को बढ़ावा देते हुए मंच के माध्यम से आदिवासी- जनजाति एवं उदयीमान कलाकारों को इस मंच के माध्यम से अवसर प्राप्त हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि क्षेत्र की प्रतिभाओं को अवसर प्राप्त हो और वह इस मंच के माध्यम से आगे बढ़े उनका यही प्रयास है। इस अवसर पर अशोक गौतम, डॉ. आरएन राय, प्रतिपाल सिंह बागरी, डॉ. टीआर थापक, डॉ. जेपी मिश्रा, डॉ. बीएस परमार, डॉ. शशि प्रकाश मिश्रा, रजनी शुक्ला, आरएन राय का शॉल श्रीफल व स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया।
बुंदेलखंड की प्रतिभाओं को दिया गया मंच
अंतरराष्ट्रीय फिल्मी महोत्सव ने बुंदेलखण्ड की प्रतिभाओं को बुंदेली प्रस्तुति के लिये न सिर्फ मंच दिया है, बल्कि नया आयाम भी मिला है। जिससे स्थानीय कलाकारों में विश्वास का संचार होने के साथ-साथ उनके भीतर छिपी कलाकृतियां तथा रंगमंचीय हुनर सहित अन्य विधाओं में बहुआयामी निखार आया है। जिससे उनका आत्मबल बड़ा है। फिल्म महोत्सव में नशामुक्त समाज के लिये शपथ दिलाई गई तो वहीं बुंदेलखण्ड की विभूतियां जिन्होंने समाजसेवा में जागरूकता का संचार किया है इसमें बमीठा के अरुण उपाध्याय, 80 वर्षीय वृद्ध केलादेवी तिवारी, एमपीएस बुंदेला तथा महोबा के विनोद पुरवार, समाजसेवी डॉ. सुभाष चौबे, शंकर सोनी, संजय शर्मा शामिल है उन्हें भी सम्मानित किया गया।
बुंदेलखण्ड के ऐसे कलाकार जिन्होंने क्षेत्रीय फिल्में, वेब सीरीज व यूट्यूब के माध्यम से जो ख्याति और पहचान बनाई है। खजुराहो फिल्म महोत्सव ने और ऊचांई दी है। इन प्रतिभाओं को अपने आप को निखारने का शुभ अवसर भी मिला। जिसके चलते विश्व विख्यात कलानगरी खजुराहो सहित बुंदेलखण्ड के कलाकारों के लिये आने वाले वर्षों में उनकी प्रस्तुति के लिये मंच एवं अवसर मिलने की संभावनाएं बड़ी है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved