अहमदाबाद. गुजरात सरकार ने कोरोना वायरस के चलते इस बार गरबा के कार्यक्रमों पर रोक लगाई है. नवरात्रि इस बार 17 अक्टूबर से शुरू हो रही हैं. गुजरात के इतिहास में शायद यह पहली बार है जब COVID-19 के कारण नवरात्रि पर्व के दौरान कोई गरबा नहीं होगा। लेकिन गरबा प्रेमियों ने गरबा करने के लिए तोड़ निकाल लिया है। राज्य में पीपीई किट वाली गरबा ड्रेस तैयार हो रही हैं। इंस्टिट्यूट ऑफ डिजाइन ऐंड टेक्नॉलजी से लेकर अन्य लोगों ने गरबा के दौरान कोरोना संक्रमण से बचाने वाली ड्रेस तैयार की है. इन ड्रेस की खूब चर्चा हो रही है। कोरोना के कारण अकेले गुजरात में गरबे से जुड़े व्यवसाय को 150 करोड़ के नुकसान का अनुमान है।
इंस्टिट्यूट ऑफ डिजाइन ऐंड टेक्नॉलजी ने कोरोना संक्रमण से बचाव के साथ गरबा नृत्य करने के लिए खास ड्रेस तैयार की है। नवरात्रि से पहले गुरुवार को गुजरात के सूरत में इसे प्रदर्शित किया गया। पीपीई किट जैसी एस ड्रेस पर पारंपरिक गुजराती डिजाइन बनी है। अहमदाबाद में एक गरबा डांसर कुछ नया लेकर आई हैं। उन्होंने एक विशेष पीपीई किट-थीम वाली नवरात्रि पोशाक तैयार की है। यह पोशाक प्लास्टिक से बनी है। अहमदाबाद के डिजाइनर ने कोरोना योद्धाओं को समर्पित एक गरबा ड्रेस तैयार की है। इस ड्रेस में कोरोना वॉरियर्स की तस्वीरें लगाई गई हैं। लोगों को यह स्टाइल बेहद पसंद आ रही है।
कोरियोग्राफर और डिज़ाइनर अनुज मुदलियार ने कहा, ‘हालांकि सरकार ने गरबा पर प्रतिबंध लगा दिया है, लेकिन मैं डॉक्टर, नर्स आदि जैसे कोविड योद्धाओं को पीपीई-थीम वाले गरबा ड्रेस में चित्रित करना चाहता था।’
अनुज ने बताया कि उनकी गरबा कॉस्ट्यूम खास पीपीई किट थीम वाली है। ये पीपीई किट थीम कॉस्ट्यूम प्लास्टिक से तैयार किए गए हैं। इनमें डॉक्टर्स, पुलिस के जवानों और दूसरे कोविड-19 के फ्रंटलाइनर्स को सम्मान देने के लिए तस्वीरें लगाई गई हैं। उन्होंने गरबा के दौरान पहने जाने वाले मशहूर केडिया और पगड़ी तैयार की है। उन्होंने कॉस्ट्यूम पर इन कोरोना वॉरियर्स की चित्र बनाई है। इस खास ड्रेस के जरिए गरबा करते वक्त कोरोना से बचा जा सकता है।
गुजरात सरकार ने इस साल दुर्गा मां की सामूहिक पूजा की इजाजत देगी हालांकि यह भी कहा कि इसमें शामिल होने वाले लोगों की संख्या 200 से अधिक नहीं होनी चाहिए। प्रार्थना का समय एक घंटा निर्धारित किया गया है साथ ही कहा गया है कि ऐसे आयोजन में गरबा नहीं किया जा सकेगा। गुजरात में इस साल गरबा का आयोजन न होने से इससे जुड़े कारोबार को लगभग 150 करोड़ रुपये के नुकसान का अंदाजा लगाया जा रहा है।
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