उज्जैन। गंगा दशहरे पर आज सुबह से ही अलग ही भक्ति आराधना महाकाल मंदिर में हो रही है..यूं तो विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में पूरी दुनिया से आकर भक्त दर्शन करते लेकिन आज भस्मारती से जो नृत्य शुरु हुआ वह रात शयन आरती तक चलेगा। महाकाल परिसर में धवल वस्त्र धारण किए हुए महिला एवं लड़कियाँ बाबा के आंगन में नृत्य प्रस्तुत कर रही थी। आज सुबह से ही कार्यक्रम का प्रदेश स्तर पर कवरेज भी हो रहा है। अनवरत रूप से यह नृत्य आराधना की जाएगी। उज्जैन में लंबे समय से गंगा दशहरे पर यह प्रस्तुति दी जाती रही है। आज दर्शन करने वालों के बीच यह नृत्य आराधना विशेष आकर्षण का
केन्द्र रही।
गंगा दशहर के अवसर पर प्रतिवर्ष कुछ संस्थाओं द्वारा महाकाल के आंगन में सुबह से लेकर शाम तक नृत्यांजलि का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। आज सुबह से यहाँ विभिन्न ग्रुपों द्वारा यह प्रस्तुति दी जा रही है। नृत्यांजलि का यह कार्यक्रम शयन आरती तक चलेगा। उल्लेखनीय है कि गंगा दशहरे के अवसर पर शहर में शिप्रा तट से लेकर नीलगंगा घाट और यहां से लेकर महाकाल के आंगन तक विविध आयोजन होते हैं। इसी के तहत आज सुबह महाकाल में रसराज प्रभात नृत्य संस्थान व अन्य सहयोगी संगठनों द्वारा नृत्यांजलि का कार्यक्रम तड़के से शुरू हुआ। महाकाल मंदिर परिसर में भस्मार्ती आरंभ होते ही तड़के 4 बजे से नृत्यांजलि कार्यक्रम की श्रृंखला शुरू हो गई। इसमें बालिकाओं ने अलग-अलग नृत्यों की मनोहारी प्रस्तुतियाँ देना शुरू कर दिया था। कार्यक्रम से जुड़े लोगों ने बताया कि नृत्यांजलि के इस कार्यक्रम में पाँच वर्ष की बालिका से लेकर 60 वर्ष की नृत्यांगनाएँ प्रस्तुतियाँ दे रही हैं। तड़के 4 बजे से शुरू हुआ यह कार्यक्रम महाकाल में आज रात साढ़े 10 बजे तक शयन आरती तक चलेगा।
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