नई दिल्ली। किसी देश में युवाओं से शराब (Liquor) पीने की अपील की जाए. ये सुनने में थोड़ा अजीब लगता है. लेकिन एशिया के एक देश में राजस्व में आई कमी की भरपाई के लिए युवाओं से शराब पीने(drinking alcohol) की अपील की जा रही है. साथ ही शराब की खपत कैसे बढ़े, इसके लिए लोगों से आइडिया भी मांगे जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि जापान (Japan) के युवा पर्याप्त मात्रा में शराब नहीं पी रहे हैं. कोविड के बाद से रेस्टोरेंट और बार में शराब की बिक्री में गिरावट आई है. इस वजह से देश के राजस्व में कमी दर्ज की गई है.
क्यों शुरू किया गया है कैंपेन
मीडिया रिपोर्ट (media report) के अनुसार, जापान की नेशनल टैक्स एजेंसी ने Sake Viva नाम से एक कैंपेन शुरू किया है. इसके तहत 20 से लेकर 39 साल की उम्र के लोगों से व्हिस्की, वाइन और बीयर जैसी ड्रिंक्स पीने को कहा जा रहा है. साथ ही एजेंसी ने कुछ ऐसे बिजनेस आइडिया (business idea) भी मांगे हैं, जिनसे शराब की बिक्री बढ़ सके. बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, लोग सितंबर के आखिरी तक अपने आइडिया भेज सकते हैं. लोग प्रोडक्ट और इसके डिजाइन को लेकर भी अपने आइडिया दे सकते हैं.
टैक्स रेवेन्यू में गिरावट
वर्ल्ड बैंक के आंकड़े के अनुसार, जापान में लगभग एक तिहाई आबादी 65 साल या उससे अधिक उम्र की है. जापान टाइम्स के अनुसार, शराब से टैक्स रेवेन्यू 1980 में 5 फीसदी था, जो 2020 में घटकर 1.7 फीसदी रह गया. टैक्स एजेंसी के अधिकारी के अनुसार, कोविड के संकट के दौरान वर्क फ्रॉम होम में कुछ हद तक शराब की खपत बढ़ी थी.
शराब उद्योग को मजबूत करने की कोशिश
ब्लूमबर्ग के अनुसार, जापान की टैक्स एजेंसी ने कहा है कि कैंपेन का मकसद शराब उद्योग को ऐसे समय में बढ़ावा देना है, जब कोविड और सिकुड़ती आबादी की वजह से शराब की खपत कम हुई है. The Guardian की एक रिपोर्ट के अनुसार, किरिन लेगर और इचिबन शिबोरी बनाने वाली कंपनी ने बताया कि जापान में बीयर की खपत 2020 में प्रति व्यक्ति 55 बोतलें थीं, जो उसके पिछले साल के मुकाबले 9.1 फीसदी कम थीं.
शराब की खपत में गिरावट
पिछले 25 साल की तुलना में जापान में अब लोग बहुत कम शराब पी रहे हैं. नेशनल टैक्स एजेंसी के अनुसार साल 1995 में जापान में हर साल 100 लीटर शराब पी जा रही थी. वहीं, 2020 में ये आंकड़ा घटकर 75 लीटर पर आ गया था.
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