चित्रकूट। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) कोरोना की संभावित तीसरी लहर केे मद्देनजर देशभर में शासन-प्रशासन का सहयोग करने और संभावित पीड़ितों की सहायता के लिए विशेष कार्यकर्ता प्रशिक्षण (special worker training) का आयोजन करेगा। यह प्रशिक्षण अगस्त महीने में पूर्ण कर लिया जाएगा। कार्यकर्ताओं के विशेष प्रशिक्षण की यह योजना चित्रकूट में चल रही चार दिवसीय अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक में बनाई गई है।
अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने रविवार को एक विज्ञप्ति में बताया कि कोरोना की तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए देशभर में शासन-प्रशासन का सहयोग करने एवं संभावित पीड़ितों की सहायता के लिए विशेष कार्यकर्ता प्रशिक्षण का आयोजन किया जाएगा। ऐसी परिस्थिति में समाज का मनोबल बढ़ाने के लिए आवश्यक सभी जानकारी उचित समय पर लोगों तक पहुंचाने के लिए यह प्रशिक्षित कार्यकर्ता लगभग 2.5 लाख स्थानों तक पहुंचेंगे। यह प्रशिक्षण अगस्त में पूर्ण किया जाएगा तथा सितंबर से जनजागरण द्वारा हर गांव एवं बस्ती में कई स्वयंसेवी लोगों और संस्थाओं को इस अभियान में जोड़ा जाएगा। उन्होंने बताया कि इस प्रशिक्षण में कोरोना से बचाव के लिए बच्चों एवं माताओं के लिए विशेष रूप से आवश्यक सावधानियां और उपायों को शामिल किया गया है।
आंबेकर ने बताया कि बैठक में संगठनात्मक गतिविधियों की चर्चा के साथ ही कोरोना के दूसरी लहर से उत्पन्न परिस्थितियों की व्यापक रूप से चर्चा हुई तथा प्रांतों में हुए सेवा कार्यों की समीक्षा की गई। स्वयंसेवकों द्वारा संचालित वैक्सीनेशन सेंटरों और प्रोत्साहन के अभियानों की भी समीक्षा की गई।
अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख आंबेकर ने बताया कि जैसे-जैसे कोरोना के प्रकोप के बाद स्थितियां सामान्य हो रही हैं, संघ की शाखाओं का संचालन भी मैदान में प्रारंभ हुआ है। देशभर में वर्तमान में कुल 39,454 शाखाएं संचालित हो रही हैं, जिसमें 27,166 शाखाएं अब मैदान में लग रही हैं और 12,288 ई-शाखाएं हैं। साथ ही साप्ताहिक मिलन कुल 10,130 हैं, जिसमें प्रत्यक्ष रूप से मैदान में 6510 पुनः प्रारंभ हुए तथा ई-मिलन 3,620 हैं। कोरोना के लॉकडाउन काल में विशेष रूप से प्रारंभ हुए कुटुंब मिलन देशभर में 9637 हैं।
उल्लेखनीय है कि चित्रकूट स्थित दीनदयाल शोध संस्थान के आरोग्यधाम परिसर में 09 जुलाई से शुरू हुई अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक का समापन 12 जुलाई को होगा। वर्षभर में संघ की तीन प्रमुख बैठकें होती हैं। पहली बैठक होली पर्व के आसपास होती है, जो अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के नाम से जानी जाती है। दूसरी; दीवाली के आसपास होने वाली बैठक अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल के नाम से जानी जाती है। जबकि तीसरी बैठक जुलाई में होती है, जो अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक के नाम से चर्चित है। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा; संघ की सर्वोच्च नीति निर्धारक इकाई है।
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