नई दिल्ली । केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि सरकार का जोर किसानों के खेत तक महंगे व बड़े आधुनिक कृषि यंत्र उपलब्ध कराने पर है। इसके अलावा कृषि क्षेत्र के विकास की दृष्टि से देश में प्रति हेक्टेयर मैकेनाइजेशन 10 साल में दोगुना करने का लक्ष्य है।
तोमर सोमवार को ट्रैक्टर एंड मैकेनाइजेशन एसोसिएशन की वार्षिक साधारण सभा की बैठक को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने एसोसिएशन के सदस्यों से छोटे रकबे वाले किसानों को छोटी उपयोगी मशीनें उपलब्ध कराने का आग्रह किया, ताकि इन 86 प्रतिशत किसानों को आसानी हो और वे उन्नत बनें तथा उनकी आय बढ़ सके।
कृषि मंत्री ने वार्षिक साधारण सभा की बैठक में चर्चा के प्रमुख विषय फार्म मशीनीकरण के संबंध में कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर ‘वोकल फॉर लोकल’ के प्रति देश में उत्साह का वातावरण बना है। ऐसे में फार्म मशीनीकरण का क्षेत्र पहले से ही स्थानीय उत्पादन में जुटा हुआ है और लगभग 95 प्रतिशत मशीनें हमारे देश में ही बनाई जा रही हैं। इसके लिए उन्होंने सभी उद्यमियों को बधाई दी।
केंद्रीय मंत्री ने उम्मीद जताई कि निर्यात बढ़ेगा, दो-तीन साल में स्थिति काफी बेहतर होगी और आत्मनिर्भर भारत फार्म मैकेनाइजेशन में एक वास्तविकता बन जाएगा। उन्होंने बताया कि सबमिशन आन एग्रीकल्चरल मैकेनाइजेशन की योजना सभी राज्यों में लागू की गई है, ताकि वे कृषि मशीनीकरण के उपयोग को बढ़ावा दे सकें और कृषि शक्ति के अनुपात को बढ़ाया जा सके। छोटे व सीमांत किसानों तक कृषि यंत्रीकरण की पहुंच बढ़ाना उद्देश्य है, वहीं अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर को बढ़ावा देना, हाईटेक और उच्च मूल्य वाले कृषि उपकरणों के लिए हब बनाने, हितधारकों के बीच जागरूकता पैदा करना व क्षमता निर्माण आदि के प्रयास किए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि किराए के आधार पर किसानों के खेत तक महंगे व बड़े एडवांस्ड कृषि यंत्र उपलब्ध कराने पर भी सरकार इस स्कीम के माध्यम से जोर दे रही है। व्यक्तिगत किसान को परियोजना लागत में 40 प्रतिशत तक सब्सिडी का प्रावधान है, वहीं किसानों के समूह को प्रोजेक्ट में 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी की सुविधा है, जिसकी राशि अधिकतम 10 लाख रुपये तक होगी। उत्तर-पूर्वी क्षेत्र के किसानों के लिए परियोजना लागत की 95 प्रतिशत तक सब्सिडी मिलती है।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने बताया कि पराली जलाने से रोकने के लिए फसल अवशेष प्रबंधन योजना केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा वर्ष 2018 से शुरू की गई थी, जिसमें किसानों को मशीनरी दी जाती है। कस्टम हायरिंग सेंटर के माध्यम से किसानों को मशीनरी की खरीद के लिए सब्सिडी भी प्रदान की जाती है। पंजाब, हरियाणा, यूपी व दिल्ली को वर्ष 2018-19 और 2019-20 में 1,178.47 करोड़ रुपये सब्सिडी दी गई है। वर्ष 2020-21 में योजना के लिए बजट में 600 करोड़ रुपये रखे गए थे, जिसमें से 548.20 करोड़ रुपये राज्यों को समय से पहले जारी कर दिए गए, ताकि उपाय सुनिश्चित किए जा सकें।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि खेती-किसानी के क्षेत्र को और ताकतवर बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार प्राण-प्रण से जुटी हुई है। आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत 1 लाख करोड़ रुपये के कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की शुरुआत से गांव-गांव निजी निवेश के माध्यम से तमाम सुविधाएं जुटाने का लक्ष्य है। कृषि व सम्बद्ध क्षेत्रों में करीब पौने दो लाख करोड़ रुपये के फंड का प्रावधान सरकार ने मुक्तहस्त से किया है, ताकि हर हाल में ये क्षेत्र समृद्ध हो और किसानों का जीवन स्तर ऊंचा उठ सके।
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