गुना। आजादी के 75 साल के प्रतीक के रूप में आज पावरग्रिड भिंड गुना ट्रांसमिशन लिमिटेड की राज्यांतरिक पारेषण प्रणाली की स्थापना के अंतर्गत 400/220 के. वी. गुना उपकेन्द्र एवं 220/132 के. वी. भिंड उपकेन्द्र और सम्बद्ध ट्रांसमिशन लाइनों को राष्ट्र को समर्पित किया। कार्यक्रम स्थल पर विभिन्न विभागों द्वारा योजनाओं की प्रदर्शनी लगाई गई। इस दौरान राजस्व विभाग द्वारा पहली बार प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना एवं मुख्यमंत्री अवासीय भू-अधिकार का मॉडल बनाकर प्रदर्शनी लगाई गई। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि केन्द्रीय नागर विमानन एवं इस्पात मंत्री, भारत सरकार श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा ग्राम बल्लापुर, जिला गुना को समर्पित करते हुए कहा कि यह ऊर्जा के क्षेत्र में मध्य प्रदेश की वर्ष 2023 में एक बड़ी उपलब्धि है। नेशनल पावर ग्रिड के नक्शे पर गुना एवं भिड का नाम भी दर्ज हो जाएगा। करीब 25 एकड़ में बने गुना उपकेन्द्र एवं 15 एकड़ में बने भिंड उपकेन्द्र से ग्वालियर-चंबल संभाग और गुना-अशोकनगर के नगरीय, उपनगरीय एवं ग्रामीण अंचल में कृषि एवं औद्योगिक क्षेत्र को निर्वाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित होगी। इस परियोजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश के गुना जिले में 400/220 के.वी. उपकेन्द्र एवं भिंड जिले में 220/ 132 के.वी. उपकेन्द्र के द्वारा गुना, शिवपुरी, अशोकनगर जिले के ग्रामीण और उपनगरीय क्षेत्र की विद्युत क्षमता में चौगुनी वृद्धि एवं ग्वालियर-चंबल संभाग के भिंड, गोरमी और पोरसा (मुरैना) ग्रामीण और उपनगरीय क्षेत्रों की विदयुत क्षमता में तिगुनी वृद्धि होगी। इस पारेषण प्रणाली के पूर्ण होने से प्रदेश की विदयुत व्यवस्था सुदृढ़ हुई है। इस अवसर पर श्री सिंधिया, ने कहा कि सरकार देश एवं प्रदेश में लोक कल्याण के लिए जन हितैषी निर्णय लेकर काम कर रही हैं।
पावरग्रिड भिंड गुना ट्रांसमिशन लिमिटेड अंतर्गत निम्न कार्यो का किया गया लोकार्पण
पीजीसीएल उप महाप्रबंधक श्री आनंद सर्राफ ने बताया कि मध्यप्रदेश के ऊर्जा स्वावलम्बन के स्वप्न एवं परिकल्पना को साकार करने के उद्देश्य से पावरग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इण्डिया लिमिटेड (भारत सरकार की महारत्न उद्यम) की सम्पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी पावरग्रिड भिंड गुना ट्रांसमिशन लिमिटेड के द्वारा टी.बी.सी.बी. के माध्यम से मध्यप्रदेश की राज्यांतरिक विद्युत व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के अंतर्गत 602 करोड़ की लागत से निम्न ट्रांसमिशन प्रणालियों का निर्माण किया गया, जिनका लोर्कापण किया गया।
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