नई दिल्ली। रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच युद्ध और तेज होते जा रहा है. यूक्रेन (Ukraine) में फंसे भारतीय नागरिकों को लाने के लिए ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) चलाया जा रहा है। यूक्रेन में अब भी लगभग 13000 भारतीय फंसे हुए हैं, जिसमें अधिकतर छात्र हैं। भारत सरकार अपने नागरिकों की वतन वापसी के लिए लगातार प्रयासरत है। यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों के वतन वापसी के लिए भारत सरकार ने चार मंत्रियों की टीम बनाई है. जिसमें ज्योतिरादित्य सिंधिया को रोमानिया, जनरल वीके सिंह को पोलैंड, हरदीप पुरी को हंगरी और किरण रिजिजू को स्लोवाकिया से भारतीय नागरिकों की वापसी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने में मदद करने के लिए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी हंगरी के बुडापेस्ट पहुंचे, जहां उन्होंने अपने देश के नागरिकों से मुलाकात की है. एक भारतीय छात्र ने जानकारी दी है कि ऑपरेशन गंगा की आठवीं उड़ान भी बुडापेस्ट से दिल्ली के लिए रवाना हो गई है। छात्र ने यूक्रेन से निकालने के लिए भारतीय दूतावास और सरकार को धन्यवाद दिया है।
केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह ने पोलैंड से यात्रियों को किया रवाना
वहीं केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह पोलैंड पहुंचे हैं। वहां उन्होंने वारसॉ में गुरुद्वारा गुरु सिंह सभा में रहने वाले 80 भारतीय छात्रों से मुलाकात की. पोलैंड से दो विशेष विमानों में भारतीय नागरिकों को केंद्रीय मंत्री ने रवाना किया. एक विमान ने 218 और दूसरे विमान ने 219 भारतीय नागरिकों को लेकर पोलैंड के रेजजो हवाई अड्डे से दिल्ली के लिए उड़ान भरा है. यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू स्लोवाकिया के लिए रवाना हो गए हैं।
बुडापेस्ट से तीन उड़ानें पहुंची भारत
रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट और हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट से तीन उड़ानें यूक्रेन में फंसे हुए भारतीय को लेकर मंगलवार को भारत पहुंची। अधिकारियों के मुताबिक रूस के हमले की वजह से यूक्रेन में फंसे 616 और भारतीय नागरिकों को इन दोनों शहरों से तीन उड़ानें लेकर आई हैं। मंगलवार को इंडिगो ने दो उड़ानों का संचालन किया, जबकि टाटा समूह के स्वामित्व वाली एअर इंडिया एक्सप्रेस ने एक उड़ान को संचालित किया. भारत ने रोमानिया और हंगरी जैसे यूक्रेन के पश्चिमी पड़ोसी देशों के जरिए अपने नागरिकों को निकालने का अभियान 26 फरवरी को शुरू किया था।
पीएम मोदी ने फ्रांस और पोलैंड के राष्ट्रपति से की बात
भारत सरकार अपने नागरिकों की वतन वापसी के लिए लगातार दूसरे देशों के साथ बातचीत कर रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को फ्रांस, पोलैंड के राष्ट्रपति और यूरोपीय यूनियन के प्रेसिडेंट से भी बात की. विदेश सचिव ने बताया कि हमने जब अपनी पहली एडवाइजरी जारी की थी, उस समय यूक्रेन में लगभग 20,000 भारतीय छात्र थे, तब से लगभग 12,000 छात्र यूक्रेन छोड़ चुके हैं. बाकी बचे 40 फीसदी छात्रों में से लगभग आधे संघर्ष क्षेत्र में हैं और आधे यूक्रेन के पश्चिमी बॉर्डर पर पहुंच गए हैं या उसकी तरफ बढ़ रहे हैं. उन्हें भी जल्द वापस लाया जाएगा।
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