नई दिल्ली । कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress President Mallikarjun Khadge) ने कहा कि राज्यसभा में (In Rajya Sabha) केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर (Baba Saheb Dr. Bhimrao Ambedkar) का अपमान किया (Insulted) । राज्यसभा नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने अमित शाह के इस्तीफे की मांग की।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा, “जब अमित शाह डॉ. बीआर अंबेडकर के बारे में बोल रहे थे तब उन्होंने कहा था कि आप लोग 100 बार अंबेडकर का नाम लेते हैं, अगर आप इतनी बार भगवान का नाम लेते, तो 7 बार स्वर्ग में जाते । इसका मतलब है कि बाबा साहेब अंबेडकर का नाम लेना गुनाह है और इनका इरादा बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान का विरोध करना था। मैंने इसका विरोध किया, लेकिन मुझे मौका नहीं दिया गया। हालांकि बाबा साहेब अंबेडकर पर सदन की कार्यवाही चल रही थी, इसलिए हम सभी ने खामोश रहने का फैसला किया। आज हम सभी पार्टी के नेताओं ने एक होकर इस पर सवाल उठाया। अमित शाह ने बाबा साहेब अंबेडकर का अपमान किया है वो गलत है। मैं उनके इस्तीफे की मांग करता हूं।”
राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे ने आगे कहा, “उन्होंने बाबा साहेब अंबेडकर और संविधान का अपमान किया है। मनुस्मृति और आरएसएस की उनकी विचारधारा यह स्पष्ट करती है कि वह बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान का सम्मान नहीं करना चाहते हैं। हम इसकी निंदा करते हैं और उनके इस्तीफे की मांग करते हैं। उन्हें देश के लोगों से माफी मांगनी चाहिए।”
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भारतीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में की गई डॉ. भीमराव अंबेडकर पर की टिप्पणी की कड़ी निंदा की है। गहलोत ने इसे निंदनीय बताते हुए आरोप लगाया कि भा.ज.पा. की विचारधारा संविधान और अंबेडकर के विचारों के खिलाफ है। कांग्रेस के शीर्ष नेताओं, मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी, पहले भी इसी सोच का विरोध करते रहे हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि विपक्षी दलों के लिए यह टिप्पणी भा.ज.पा. के संविधान विरोधी एजेंडे की ओर इशारा करती है। गहलोत ने बयान दिया कि अमित शाह की टिप्पणी न केवल संविधान के प्रति भा.ज.पा. की सोच को उजागर करती है, बल्कि यह बाबासाहेब अंबेडकर के योगदान को भी नकारने की कोशिश करती है। कांग्रेस का आरोप है कि यह मानसिकता संविधान के मूलभूत सिद्धांतों को बदलने की दिशा में एक खतरनाक कदम हो सकती है। गहलोत ने मांग की कि गृह मंत्री अमित शाह अपनी टिप्पणी पर माफी मांगें। इस मुद्दे पर बढ़ती बहस भारतीय राजनीति में संविधान और धर्मनिरपेक्षता के सवाल को फिर से एक प्रमुख विमर्श के रूप में उभार सकती है।
वहीं दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी गृह मंत्री अमित शाह पर अंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ”देखिए कैसे अमित शाह संसद में बाबा साहेब अंबेडकर का मजाक उड़ा रहे हैं। इन भाजपा वालों को इतना अहंकार हो गया कि ये किसी को कुछ नहीं समझते। बाबा साहेब इस देश के बच्चे-बच्चे के लिए भगवान से कम नहीं हैं। मरने के बाद स्वर्ग का तो पता नहीं, लेकिन बाबा साहेब का संविधान ना होता तो आप लोग तो दबे, कुचले, गरीबों और दलितों को इस धरती पर जीने ही ना देते। बाबा साहेब का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान।”
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