नई दिल्ली । केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने असम राइफल्स के स्थापना दिवस पर (On foundation day of Assam Rifles) जवानों और उनके परिजनों को बधाई दी (Congratulated the Soldiers and their Families) ।
अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर कहा, “पूर्वोत्तर के हमारे बहादुर प्रहरी, असम राइफल्स के जवानों और उनके परिवारों को स्थापना दिवस पर बधाई। बल ने अपनी वीरता से पूर्वोत्तर की सुरक्षा के लिए चुनौतियों का सामना किया है और लोगों को मानवीय सहायता देकर दिल जीता है। असम राइफल्स के योद्धाओं को सलाम, जिन्होंने कर्तव्य की राह पर सर्वोच्च बलिदान दिया।”
बता दें कि असम राइफल्स की स्थापना 1835 में ब्रिटिश राज के दौरान कछार लेवी के रूप में हुई थी, जो शुरू में 750 लोगों की एक पुलिस इकाई थी। समय के साथ, इसे कई बार पुनर्गठित किया गया और नाम दिया गया, जैसे 1870 में तीन असम सैन्य पुलिस बटालियनों में विलय, और 1917 में इसका नाम असम राइफल्स रखा गया।
यह बल प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुका है, और आज यह पूर्वोत्तर भारत में कानून व्यवस्था बनाए रखने और इंडो-म्यांमार सीमा की रक्षा के लिए जिम्मेदार है। 1947 में 5 बटालियनों से शुरू होकर, अब यह 46 बटालियनों तक बढ़ गया है। 1870 में, इस बल को तीन असम सैन्य पुलिस बटालियनों में विलय कर दिया गया। लुशाई हिल्स (पहली बटालियन), लखीमपुर (दूसरी बटालियन), और नागा हिल्स (तीसरी बटालियन)। 1915 में, चौथी बटालियन इंफाल में बनाई गई।
1883 में इसे असम फ्रंटियर पुलिस, 1891 में असम सैन्य पुलिस, और 1913 में पूर्व बंगाल और असम सैन्य पुलिस के रूप में पुनः नामित किया गया। अंततः, 1917 में, इसे असम राइफल्स नाम दिया गया, जो प्रथम विश्व युद्ध में इसके योगदान को मान्यता देने के लिए था। इस दौरान, 3,000 से अधिक सैनिकों ने यूरोप और मध्य पूर्व में सेवा दी, और 76 वीरता पुरस्कार प्राप्त किए, इसमें 7 भारतीय ऑर्डर ऑफ मेरिट और 5 भारतीय विशिष्ट सेवा पदक शामिल हैं।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान असम राइफल्स ने लड़ाई लड़ी, शरणार्थियों का प्रबंधन किया, और इंडो-बर्मा सीमा पर “विक्टर फोर्स” का गठन किया। इस युद्ध में, इसने कोहिमा, सित्तांग नदी, और चिन हिल्स में महत्वपूर्ण कार्रवाइयों में भाग लिया, और 48 वीरता पुरस्कार प्राप्त किए, जिसमें 3 एमबीई, 5 मिलिट्री क्रॉस, और 4 ऑर्डर ऑफ ब्रिटिश इंडिया शामिल हैं। हर साल 24 मार्च को इस बल के गठन की याद में स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है, इसमें इसके जवानों के शौर्य, साहस और देश सेवा को सम्मानित किया जाता है। यह बल पूर्वोत्तर भारत में “उत्तर-पूर्व के प्रहरी” के रूप में जाना जाता है। आज, 24 मार्च 2025 को, असम राइफल्स अपना 190 वां स्थापना दिवस मना रहा है।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved