नई दिल्ली । केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Union Home Minister Amit Shah and Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath) ने जलियांवाला बाग के बलिदानियों को (To the Martyrs of Jallianwala Bagh) श्रद्धांजलि अर्पित की (Paid Tribute) । शाह ने उस घटना को काला अध्याय तो योगी आदित्यनाथ ने उस स्थान को पवित्र तीर्थ बताया है।
केंद्रीय गृहमंत्री ने एक्स पोस्ट में लिखा- जलियांवाला बाग नरसंहार भारत के स्वतंत्रता संग्राम का वह काला अध्याय है, जिसने समूचे देश को झकझोर कर रख दिया। अमानवीयता की पराकाष्ठा तक पहुंच चुकी अंग्रेजी हुकूमत की क्रूरता से देशवासियों में जो रोष उत्पन्न हुआ, उसने आजादी के आंदोलन को जन-जन का संग्राम बना दिया। प्राणों को न्योछावर करने वाले अमर सपूतों को नमन करते हुए उन्होंने आगे कहा, “जलियांवाला बाग में शहीद हुए बलिदानियों को नमन करता हूं। देश अमर बलिदानियों को सदा अपनी स्मृतियों में संजोए रखेगा।”
योगी आदित्यनाथ ने भी सोशल प्लेटफॉर्म एक्स पर अपनी भावनाएं व्यक्त कीं। उन्होंने वीर सपूतों को नमन करते हुए लिखा- जलियांवाला बाग के अमर बलिदानियों को कोटि-कोटि नमन! जलियांवाला बाग सभी देशभक्तों के लिए एक पवित्र तीर्थ है, जहां मातृभूमि के वीर सपूतों ने ब्रिटिश हुकूमत की बर्बरता का प्रतिकार करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। उन्होंने शहादत को प्रेरणास्पद बताते हुए आगे कहा- जलियांवाला बाग के अमर क्रांतिकारियों का बलिदान राष्ट्र के स्वाभिमान और स्वतंत्रता की अमर गाथा है, जो सदैव प्रेरणा देती रहेगी।
13 अप्रैल 1919 को अमृतसर स्थित जलियांवाला बाग में अंग्रेज अफसर जनरल डायर ने बैसाखी के मौके पर आयोजित समारोह में निहत्थे लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलवा दी थीं। इस हृदयविदारक घटना में अनगिनत लोगों की जान गई, इनमें बच्चे और महिलाएं भी शामिल थीं। कई लोग कुचल गए और संकरे रास्ते के कारण बाहर निकल नहीं पाए थे। डर की वजह से कई महिलाओं ने अपने बच्चों के साथ बाग में मौजूद एक कुएं में छलांग लगा दी थी। ये सभी यहां ब्रिटिश हुकूमत के रॉलेट एक्ट के विरोध में आयोजित जलसे में शामिल हुए थे। इस एक्ट के तहत किसी भी भारतीय को बिना मुकदमा चलाए गिरफ्तार किया जा सकता था।
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