केंद्रीय कर्मचारियों को फेस्टिवल गिफ्ट, 10 हजार एडवांस, एलटीसी के कैश वाउचर्स
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ाने के लिए आज कई महत्वपूर्ण ऐलान किये हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि अर्थव्यवस्था में मांग को बढ़ाने के लिए कई कदम उठाये जा रहे हैं। मांग को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार उपभोक्ता खर्च और पूंजीगत व्यय बढ़ाने के लिए उपाय कर रही है। सरकार LTC कैश बाउचर्स और फेस्टिवल एडवांस स्कीम लेकर आई है।
यात्रा अवकाश भत्ते (LTC) का कैश बाउचर स्कीम सरकार लेकर आई है। इसके तहत सरकारी कर्मचारी को नकद बाउचर मिलेगा जिससे वो खर्च कर सकेंगे और इससे अर्थव्यवस्था में भी बढ़त होगी। इसका लाभ पीएसयू और सार्वजनिक बैंकों के कर्मचारियों को भी मिलेगा। एलटीसी के बदले नकद भुगतान जो कि डिजिटल होगा। यह 2018-21 के लिए होगा। इसके तहत ट्रेन या प्लेन के किराये का भुगतान होगा और वह टैक्स फ्री होगा। इसके लिए कर्मचारी का किराया और अन्य खर्च तीन गुना होना चाहिए। इसी तरह सामान या सेवाएं जीएसटी रजिस्टर्ड वेंडर से लेना होगा और भुगतान डिजिटल होना चाहिए वित्त मंत्री ने बताया कि इससे केंद्र और राज्य कर्मचारियों के खर्च के द्वारा करीब 28 हजार करोड़ रुपये मांग इकोनॉमी में पैदा होगी।
वित्त मंत्री ने बताया कि फेस्टिवल एडवांस स्कीम को फिर एक बार सिर्फ इसी साल के लिए शुरू किया जा रहा है। इसके तहत 10 हजार रुपये का एडवांस सभी तरह के कर्मचारियों को मिलेगा जिसे वे 10 किस्त में जमा कर सकते हैं। यह 31 मार्च 2021 तक उपलब्ध रहेगा। यह प्रीपेड रूपे कार्ड के रूप में दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि पूंजीगत बढ़ाने का अर्थव्यवस्था पर कई गुना असर होता है। इसका न सिर्फ मौजूदा जीडीपी बल्कि आगे की जीडीपी पर भी असर होता है। 50 साल का ब्याज रहित लोन राज्यों को 12 हजार करोड़ रुपये के पूंजीगत व्यय के लिए दिया जाएगा।
इसका तीन हिस्सा होगा-2500 करोड़ रुपये पूर्वोत्तर, उत्तराखंड और हिमाचल को दिया जाएगा। इसके बाद 7500 करोड़ रुपये अन्य राज्यों को वित्त आयोग की सिफारिश के मुताबिक दिया जाएगा। तीसरा 2,000 करोड़ रुपये का हिस्सा उन राज्यों को मिलेगा जो कि आत्मनिर्भर के तहत ऐलान चार में से कम से कम 3 सुधार लागू करेंगे। यह पूरा लोन 31 मार्च 2021 से पहले दिया जाएगा। यह राज्यों को पहले से मिल रहे लोन के अतिरिक्त होगा।
गौरतलब है कि आज शाम को 4 बजे वस्तु एवं सेवा कर (GST) काउंसिल की बैठक भी है। इस मीटिंग में यह तय किया जाना है कि राज्यों को मुआवजा देने के मामले में जो विवाद बना हुआ है, उसका समाधान किस तरह से निकाला जाए। करीब 20 राज्यों केंद्र सरकार द्वारा इस बारे में दिये गये प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है, लेकिन विपक्ष शासित राज्य अब भी इस बात पर अड़े हुए हैं कि केंद्र सरकार खुद उधार लेकर राज्यों का बकाया चुकाये।
हाल में अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर कई अच्छे संकेत सामने आये हैं। मैन्युफैक्चरिंग का आंकड़ा देने वाले पीएमआई में सुधार हुआ है, सर्विस सेक्टर के पीएमआई में सुधार हुआ है, बिजली की खपत बढ़ी है। इसलिए इस बात की संभावना है कि वित्त मंत्री अर्थव्यवस्था के हालात की जानकारी देश को दें और आगे सरकार क्या कदम उठा सकती है। इसकी भी जानकारी दें. कोरोना काल में केंद्र सरकार ने करीब 20 लाख करोड़ रुपये के बड़े राहत पैकेज का ऐलान किया था।
आरबीआई ने अनुमान लगाया है कि जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी ग्रोथ में सुधार बहुत कम देखने को मिल सकता है। एमपीसी ने यह भी उम्मीद जताई कि अक्टूबर के बाद जीडीपी ग्रोथ में तेजी देखने को मिलेगा। आरबीआई मॉनेटरी पॉलिसी के बाद शक्तिकांत दास ने कहा था कि उम्मीद है कि जनवरी-मार्च 2021 यानी चालू वित्त वर्ष के अंतिम और चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ पॉजिटिव में देखने को मिल सकती है।
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