नई दिल्ली (New Delhi) । सत्तारूढ़ भाजपा (BJP) के शीर्ष नेतृत्व की कई दौर की बैठकों के बाद कैबिनेट (Cabinet) में संभावित फेरबदल की चर्चाओं के बीच सोमवार को केंद्रीय मंत्री परिषद की बैठक (Union Council of Ministers meeting) बुलाई गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) इस बैठक की अध्यक्षता करेंगे। संभावना है कि नए सहयोगी दलों को भी कैबिनेट में जगह दी जा सकती है। इसमें महाराष्ट्र से शिवसेना शिंदे गुट के साथ-साथ राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के बागी नेताओं के नाम की भी चर्चा है।
केंद्रीय मंत्री परिषद की बैठक यहां प्रगति मैदान में नवनिर्मित सम्मेलन कक्ष में होने की उम्मीद है। महाराष्ट्र में राकांपा के नेता अजीत पवार अपनी पार्टी के कई विधायकों के साथ भाजपा-शिवसेना सरकार में शामिल हो गए हैं। वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित भाजपा के रणनीतिकारों की कई बैठकें हुई हैं। इससे केंद्रीय मंत्री परिषद में फेरबदल की संभावनाओं को बल मिला है।
सूत्रों के अनुसार, राकांपा के वरिष्ठ सांसद व पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल को केंद्रीय मंत्री परिषद में एक संभावित दावेदार के रूप में देखा जा रहा है। वह राकांपा प्रमुख शरद पवार के बेहद करीबियों में गिने जाते हैं। हालांकि, अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है, लेकिन यह माना जा रहा है कि वह भी शरद पवार का साथ छोड़कर अजीत पवार के साथ खड़े हो गए हैं।
दरअसल, शपथ ग्रहण समारोह में प्रफुल्ल की मौजूदगी से इन अटकलों को बल मिला है। अजीत पवार के महाराष्ट्र में उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही देवेंद्र फड़णवीस को केंद्र सरकार में लाए जाने की भी अटकलें तेज हो गई हैं। भाजपा सूत्रों ने भी संकेत दिया है कि जब भी प्रधानमंत्री मोदी अपने मंत्री परिषद में फेरबदल का फैसला करेंगे तो सहयोगी दलों को प्रतिनिधित्व दिया जाएगा। आगामी 20 जुलाई से शुरू हो रहे संसद के माननसून सत्र से पहले की अवधि केंद्रीय मंत्री परिषद में फेरबदल का आखिरी मौका हो सकता है।
सूत्रों का कहना है कि मंत्री परिषद में किसी भी तरह का फेरबदल आगामी विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखकर भी किया जाएगा। हाल में कर्नाटक में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। इस साल के अंत में राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और मिजोरम में चुनाव होने हैं। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भाजपा का सीधा मुकाबला कांग्रेस से है।
संगठन में भी बदलाव संभव
सूत्रों ने कहा कि कुछ राज्यों सहित भाजपा के केंद्रीय संगठन में भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं। क्योंकि, पार्टी का शीर्ष नेतृत्व वर्ष 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए प्रचार तेज करने में जुटा है। प्रधानमंत्री ने गत 28 जून को अमित शाह और जेपी नड्डा के साथ बैठक की थी। इससे पहले संगठनात्मक और राजनीतिक मामलों का जायजा लेने के लिए अमित शाह और नड्डा सहित अन्य शीर्ष नेता बंद कमरे में कई दौर की बैठक कर चुके हैं।
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