नई दिल्ली। बुधवार को हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में देश के 16 राज्यों में भारतनेट के लिए 19,041 करोड़ रुपये के वायबिलिटी गैप फंडिंग को मंजूरी दे दी गई। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश के 16 राज्यों के गांवों में ब्रॉडबैंड इंटरनेट सुविधा पहुंचाने के लिए पीपीपी मॉडल के जरिए भारतनेट कार्यान्वयन रणनीति को अनुमति दी।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इन्फॉर्मेशन हाईवे हर गांव तक पहुंचे इस दिशा में सरकार ने एतिहासिक फैसला लिया है। पिछली 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषित किया था कि 1000 दिन में छह लाख गांवों में भारतनेट के माध्यम से ऑप्टिकल फाइबर ब्रॉडबैंड लाएंगे।
प्रसाद ने कहा कि आज इस दिशा में एक महत्वपूर्ण निर्णय हुआ है। हम 1.56 लाख ग्राम पंचायतों में पहुंच चुके हैं। देश की 2.5 लाख ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर से जोड़ना था। आज भारत नेट को पीपीपी मॉडल के माध्यम से देश के 16 राज्यों में 29,432 करोड़ रुपये के कुल खर्च पर हमने मंजूरी दी है।
Union Cabinet approves BharatNet implementation strategy through PPP Model to cover inhabited villages in the country across 16 States. Viability gap funding support of up to Rs 19,041 crores has been approved. All remaining States/UTs to be covered: Principal Spox, Govt of India
— ANI (@ANI) June 30, 2021
उन्होंने आगे कहा, ‘इसमें भारत सरकार की की ओर से वायबिलिटी गैप फंडिंग 19,041 करोड़ रुपये की होगी। ये हम देश के तीन लाख 61 हजार गांवों में जो 16 राज्यों में हैं वहां पीपीपी मॉडल के माध्यम से ला रहे हैं। हमने इसे 16 राज्यों में नौ पैकेज बनाया है। किसी एक प्लेयर को चार पैकेज से अधिक नहीं मिलेगा।’
कैबिनेट ने पुर्नोत्थान वितरण क्षेत्र योजना (रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) को अनुमति दे दी। इस योजना का लक्ष्य बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए सशर्त वित्तीय सहायता देकर निजी क्षेत्र के डिस्कॉम को छोड़कर सभी डिस्कॉम/बिजली विभागों की परिचालन क्षमता और वित्तीय स्थिरता में सुधार करना है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि कैबिनेट ने आज उस फैसले को अनुमति दे दी, जिसका एलान दो दिन पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने किया था।
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