नई दिल्ली (New Delhi) । एक फरवरी को वित्तीय वर्ष 2023-24 का बजट पेश होगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण अपने कार्यकाल का पांचवां बजट पेश करेंगी। अगले साल यानी 2024 में आम चुनाव भी हैं तो यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी पूर्ण बजट भी होगा। पिछले दो साल के आम बजट की तरह ही ये बजट भी वित्त मंत्री पेपरलेस फॉर्म में प्रस्तुत करेंगी। एक फरवरी को पेश होने वाले बजट 2023 से 140 करोड़ से अधिक देशवासियों को काफी उम्मीदें है। चलिए जानते हैं कि टेक्नोलॉजी क्षेत्र को बजट 2022 में क्या मिला था और इस बार 2023 में पेश होने वाले बजट से क्या उम्मीदें हैं…
बजट 2022 में मिली थीं ये सौगातें
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट-2022 को पेश करते हुए कहा था कि देश में जल्द ही ई-पासपोर्ट जारी किए जाएंगे जो कि माइक्रो चिप से लैस होंगे। बजट 2022 में निजी दूरसंचार प्रदाताओं के लिए 2022-23 के भीतर 5G मोबाइल सेवाओं के शुरू करने के लिए आवश्यक स्पेक्ट्रम की नीलामी और मई 2022 तक टेलीकॉम कंपनियों को ट्रायल की अनुमति देने की बात कही गई थी।
बजट 2022 में ग्रामीण इलाकों में सस्ते ब्रॉडबैंड और मोबाइल सेवाओं को उपलब्ध कराने के लिए इंतजाम किए जाने की बात कही गई थी। वित्त मंत्री ने कहा था कि भारतीय रिजर्व बैंक 2022-23 में डिजिटल रुपये जारी करेगा, इसके लिए ब्लॉकचेन और अन्य टेक्नोलॉजी की मदद ली जाएगी। जिसके बाद देश में 1 दिसंबर को डिजिटल रुपये को पायलट फेज में मुंबई, नई दिल्ली, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में शुरू किया गया है। भारत के पहले डिजिटल करेंसी का नाम RBI डिजिटल रुपी रखा गया।
आम बजट 2022 में सरकार ने ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट बैंकिंग को सरल बनाने का एलान किया था। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट पेश करते हुए जोर देकर कहा था कि डिजिटल पेमेंट को सरल बनाया जाएगा। सरल लेनदेन के लिए पोस्ट ऑफिस और बैंकों को आपस में जोड़ा जाएगा। वित्त मंत्री ने ई-पासपोर्ट जारी करने पर भी जोर दिया था।
बजट 2023 से टेक्नोलॉजी क्षेत्र को हैं ये उम्मीदें
नए बजट में टेक सेक्टर को प्राइवेसी और प्रोटेक्शन जैसी साइबर सिक्योरिटी को बढ़ाने की उम्मीद सरकार से रहेगी।
भारत के टेक लीडर्स की माने तों बजट 2023 में भारतीय विनिर्माण और निवेश को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। विनिर्माण या मेक इंडिया को नई ऊंचाई पर ले जाने के लिए सरकार को निजी क्षेत्र को सब्सिडी और राजकोषीय प्रोत्साहन प्रदान किया जा सकता है।
अमेरिका और चीन के बाद भारत दुनिया में तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप हब बन रहा है। ऐसे में भारत सरकार की पीएलआई (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) योजना गेम चेंजर साबित हो सकती है। पीएलआई स्कीम से मेक इन इंडिया को काफी बल मिल रहा है। बजट 2023 में इस तरह की अन्य योजनाओं पर काम किया जा सकता है, जिससे मेक इंडिया को बढ़ावा मिले।
तेजी से इनोवेटिव टेक्नोलॉजी की ओर बढ़ रही दुनिया के साथ मुकाबला करने के लिए नए बजट में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ब्लॉकचैन, मेटावर्स, 5G और रिसर्च पर खर्च बढ़ाए जा सकते हैं।
देश के डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन और देश को 10 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए नई टेक्नोलॉजी पर खर्च करने की जरूरत है।
IIT मद्रास द्वारा विकसित BharOS जैसे स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम को बढ़ावा मिलना चाहिए और इस तरह की टेक्नोलॉजी और रिसर्च पर सरकार खर्च कर सकती है।
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