नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज 2024 आम चुनाव का एजेंडा सेट कर दिया। भोपाल से देशभर के भाजपा कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए पीएम ने एक तरफ पसमांदा मुसलमानों की चर्चा करते हुए तुष्टिकरण पर कांग्रेस की पिछली सरकारों को घेरा। दूसरी तरफ बहुप्रतीक्षित समान नागरिक संहिता (UCC) का मुद्दा भी छेड़ दिया। UCC का मुद्दा इसलिए भी अहम है क्योंकि यह भाजपा के चुनावी घोषणापत्र का एक ऐसा बचा हुआ वादा है जिसे पूरा किया जाना अभी बाकी है। आज का कार्यक्रम लाइव था। अलग-अलग राज्यों से भाजपा कार्यकर्ता पीएम से बातचीत कर रहे थे। इसी क्रम में आए 2-3 सवालों के जवाब में पीएम ने 2024 लोकसभा चुनाव से पहले सरकार की तरफ से बड़ा इशारा दे दिया।
जी हां, यूपी की रानी चौरसिया के सवाल पर पीएम ने समान नागरिक संहिता पर सारा भ्रम दूर कर दिया। उन्होंने संकेत दे दिया कि अगले चुनाव में जाने से पहले मोदी सरकार की प्राथमिकता लिस्ट में यूनिफॉर्म सिविल कोड टॉप पर है और उस दिशा में जल्द फैसला हो सकता है। रानी ने सवाल पूछते हुए कहा था कि कुछ लोग यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध कर रहे हैं, जिससे मुस्लिम भाई-बहन को काफी भ्रम हो रहा है। भाजपा कार्यकर्ता होने के नाते उन्होंने पूछना चाहा कि लोगों को कैसे समझाएं। इसके बाद पीएम ने जो कहा वह 2024 से पहले कांग्रेस समेत सारे विपक्षी खेमे में खलबली मचाने के लिए काफी है।
मुसलमान भाई-बहन समझें…
मोदी ने सबसे पहले समान नागरिक संहिता का सवाल पूछने के लिए भाजपा कार्यकर्ता को बधाई दी। पीएम ने आगे कहा कि भारत के मुसलमान भाई-बहनों को समझना होगा कि कौन से दल उन्हें भड़काकर उनका फायदा लेने के लिए बर्बाद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजकल समान नागरिक संहिता के नाम पर भड़काने का काम हो रहा है।
पीएम ने साफ कहा, ‘आप मुझे बताइए, एक घर में परिवार के एक सदस्य के लिए एक कानून हो, दूसरे सदस्य के लिए दूसरा कानून हो तो क्या वह घर चल पाएगा क्या?’ पीएम ने कहा कि फिर ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा। उन्होंने कहा कि भारत के संविधान में भी नागरिकों के समान अधिकार की बात कही गई है। लोग हम पर आरोप लगाते हैं लेकिन सच ये है कि यही लोग मुसलमान-मुसलमान करते हैं, अगर ये उनके सही मायने में हितैषी होते तो अधिकांश मुस्लिम परिवार शिक्षा, रोजगार में पीछे नहीं रहते।
पसमांदा मुसलमानों की चर्चा यूं ही नहीं
पीएम ने आगे पसमांदा मुसलमानों की चर्चा छेड़ दी। उन्होंने कहा कि वोट बैंक की राजनीति करने वालों ने पसमांदा मुसलमानों का जीना मुश्किल कर रखा है। वे तबाह हो गए, उन्हें कोई फायदा नहीं मिला है। वे कष्ट में गुजारा करते हैं। उनके ही धर्म के एक वर्ग ने पसमांदा मुसलमानों का इतना शोषण किया है, लेकिन देश में इस पर चर्चा नहीं हुई। पसमांदा को आज भी बराबरी का हक नहीं मिलता। उन्हें नीचा और अछूत समझा जाता है। पसमांदा मुसलमान पिछड़े होते हैं।
पीएम ने एक-एक करके पसमांदा मुसलमानों की जातियां गिनाईं। इस भेदभाव का नुकसान पसमांदा की कई पीढ़ियों को भुगतना पड़ा। लेकिन भाजपा सबका विकास की भावना से काम कर रही है। घर हो या स्वास्थ्य, मुसलमानों भाई-बहनों को भी पूरी सुविधा मिल रही है। पीएम ने यूं ही पसमांदा मुसलमानों की बात नहीं की। दरअसल, देश के 80 फीसदी से ज्यादा मुसलमान पसमांदा हैं। ये आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक ताकत में पीछे रह गए हैं और भाजपा 2024 से पहले उन्हें अपने साथ जोड़ने की पूरी कोशिश कर रही है।
तुष्टिकरण की बात कर कांग्रेस को लपेटा
भाजपा अक्सर तुष्टिकरण की बात कर कांग्रेस को घेरती रहती है। पीएम ने आज कहा कि कुछ लोग सिर्फ अपने दल के लिए जीते हैं। दल का ही भला करना चाहते हैं। वे ये सब इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें भ्रष्टाचार का, कमीशन का, मलाई खाने का, कटमनी का हिस्सा मिलता है। उन्होंने जो रास्ता चुना है, उसमें ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है। यह रास्ता है तुष्टिकरण का, वोटबैंक का। गरीब को गरीब बनाए रखने, वंचित को वंचित बनाए रखने से ही उनकी राजनीति चलती है। तुष्टिकरण का यह रास्ता कुछ दिनों तक तो फायदा दे सकता है लेकिन ये देश के लिए महाविनाशक होता है।
यह देश के विकास को रोक देता है। देश में तबाही लाता है। देश में भेदभाव पैदा करता है। समाज में दीवार खड़ी करता है। एक तरफ इस तरह के लोग तुष्टिकरण करके अपने स्वार्थ के लिए छोटे-छोटे कुनबे दूसरों के खिलाफ खड़े कर देते हैं दूसरी तरफ भाजपा के लोग हैं। हमारी प्राथमिकता दल से पहले देश की है। हम मानते हैं कि जब देश का भला होगा, तो सबका भला होगा। भाजपा ने यह तय किया है कि हमें तुष्टिकरण के रास्ते पर नहीं चलना है। वोटबैंक के रास्ते पर नहीं चलना है। देश का भला करने का रास्ता संतुष्टिकरण है।
बिजली मिलेगी तो सबको…
उन्होंने कहा कि आज देश में जहां भी भाजपा की सरकारें हैं वहां हम संतुष्टिकरण के अभियान में लगे हैं। यह रास्ता मेहनत वाला रास्ता होता है। अगर बिजली मिलेगी तो सबको मिलेगी। अगर नल से जल का अभियान चलेगा तो हर एक को पहुंचाने का प्रयास होगा। इसमें किसी के साथ भेदभाव नहीं होगा। जाति, बिरादरी, काका, भतीजा कुछ नहीं। पीएम ने कहा कि कैसे तुष्टिकरण वाली गंदी सोच ने कुछ राज्यों के लोगों के बीच खाई पैदा कर दी।
हमने देखा है कि यूपी में पासी भाई-बहन, कोयरी, खटिक भाई बहन राजनीति के शिकार हुए और विकास से वंचित रह गए। बिहार में दलित, महादलितों के साथ ऐसा ही हुआ। कुछ जातियों पर विशेष ध्यान, कुछ की उपेक्षा। दक्षिण भारत में भी नेताओं ने समाज को बर्बाद करके रखा है। पीएम ने केरल की कई जातियों का उदाहरण दिया, जिन्हें विकास के क्रम में पीछे छोड़ दिया गया। वोटबैंक की राजनीति में घुमंतू जनजातियों की कोई परवाह नहीं की गई।
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