नई दिल्ली। आसमान छूती महंगाई के बीच बढ़ती बेरोजगारी ने भी झटका दिया है। देश में बेरोजगारी दर इस साल अप्रैल में बढ़कर 7.83 फीसदी पहुंच गई। अप्रैल, 2021 में यह 7.9 फीसदी रही थी, जबकि इस साल मार्च में बेरोजगारी दर 7.60 फीसदी रही थी। अप्रैल में बेरोजगारी दर के मामले में गांवों के मुकाबले शहरों की हालत ज्यादा खराब है।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग ऑफ इंडियन इकनॉमी (CMIE) के आंकड़ों के मुताबिक, शहरी इलाकों में बेरोजगारी दर अप्रैल में बढ़कर 9.22 फीसदी पहुंच गई। मार्च में यह दर 8.28 फीसदी रही थी। हालांकि, ग्रामीण इलाकों में बेरोजगारी दर मार्च के 7.29 फीसदी से घटकर 7.18 फीसदी पर आ गई। इस साल जनवरी में बेरोजगारी दर 6.57 फीसदी रही थी, जो फरवरी में बढ़कर 8.10 फीसदी पहुंच गई थी।
हालांकि, मार्च में इसमें गिरावट देखने को मिली थी। सीएमआईई का कहना है कि महंगाई के कारण घरेलू मांग कम होने से अर्थव्यवस्था में सुधार की रफ्तार सुस्त पड़ी है। सरकार ने 28 अप्रैल को जारी आंकड़ों में कहा था कि व्यापार, विनिर्माण और आईटी सहित 9 प्रमुख क्षेत्रों में अक्तूबर-दिसंबर में 4 लाख रोजगार पैदा हुए थे।
यूपी में घटी बेरोजगारी, दिल्ली में बढ़ी
आंकड़ों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में मासिक आधार पर बेरोजगारी दर में गिरावट आई है, जबकि दिल्ली में यह बढ़ी है। अप्रैल में यूपी में बेरोजगारी दर मार्च के 4.4 फीसदी से घटकर 2.9 फीसदी रह गई। इस दौरान दिल्ली में यह दर 8.9 फीसदी से बढ़कर 11.2 फीसदी पहुंच गई। उत्तराखंड में भी बेरोजगारी दर बढ़कर 5.3 फीसदी पहुंच गई, जो मार्च में 3.5 फीसदी रही थी।
लाखों लोगों ने बंद की रोजगार की तलाश
आंकड़ों के मुताबिक, मार्च, 2022 में देश के श्रम बाजार में 38 लाख की गिरावट आई है, जो पिछले आठ महीने का सबसे निचला स्तर है। इसका मतलब है कि इस दौरान 38 लाख लोगों को अपना रोजगार गंवाना पड़ा। सीएमआईई का कहना है कि सफलता नहीं मिलने पर हताश इन लोगों ने रोजगार की तलाश भी बंद कर दी है। इनका कहना है कि उनके लिए कोई नौकरी उपलब्ध नहीं है।
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