इंदौर। सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र में जमीन के अंदर का पानी लगभग जहरीला हो चुका है। जांच में बोरिंग के पानी का टीडीएस 1500 से लेकर 2000 तक है, जबकि 500 टीडीएस वाला पानी पीने लायक माना गया है।
इंडस्ट्रियल एरिया के बोरिंग में से निकलने वाले पानी में कई जहरीले रसायन मौजूद हैं। जल यंत्रालय व नगर निगम के अधिकारियों के अनुसार टीडीएस 2000 है, जबकि उद्योगपतियों के अनुसार निजी लैब में जांच कराने पर कई जगह बोरिंग के पानी में 3000 तक टीडीएस पाया गया है। सरकार का खजाना भरने वाला सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र सालों से नर्मदा के पानी के लिए तरस रहा है।
उद्योगपतियों के अनुसार सेक्टर ए और ई में पानी की दो टंकियां उन्हीं की औद्योगिक जमीन पर बनी है, जिनसे आसपास की रहवासी कॉलोनियों को नर्मदा का पानी सप्लाय किया जाता है, मगर उद्योग वालों को जहां हजारों वर्कर काम करते हैं, सालों से बोरिंग के पानी के सहारे काम चलाना पड़ रहा है। 500 से ज्यादा टीडीएस वाला पानी पीने से किडनी पर बुरा असर पड़ता है।
500 टीडीएस तक का पानी पीने लायक
जल यंत्रालय व विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 500 टीडीएस वाला पानी पीने के लिए सही माना जाता है। टीडीएस का उपयोग पानी की शुद्धता को जांचने के लिए किया जाता है। इसके माध्यम से पता लगाया जाता है कि पानी शुद्ध है या नहीं और पीने योग्य है या नहीं। एक लीटर पानी में टीडीएस, यानी टोटल डिसाल्व्ड सॉलिड्स की मात्रा 500 मिलीग्राम से कम है तो ये पानी पीने योग्य है, लेकिन ये मात्रा 250 मिलीग्राम से कम नहीं होनी चाहिए, क्योंकि इससे पानी में मौजूद मिनरल, यानी खनिज आपके शरीर में नहीं पहुंच पाते।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved