आचार्य चाणक्य ने अपने ग्रंथ नीति शास्त्र (Ethics) में कई रिश्तों का जिक्र किया है। जिसमें पति, पत्नी, बहन, भाई, मित्र और शत्रु समेत कई शामिल हैं। चाणक्य का मानना है कि सच्चे मित्र(True friends) की पहचान सिर्फ विपरीत परिस्थितियों में होती है। आमतौर पर हमारे आसपास मित्रों का जमावड़ा लगा रहता है। हालांकि मुश्किल समय में सिर्फ सच्चा मित्र ही साथ देता है।
आचार्य चाणक्य को दूरदर्शी, विद्वान, अर्थशास्त्री और राजनीतिज्ञ (Politician) माना जाता है। अपनी नीतियों से ही उन्होंने एक साधारण बालक चंद्रगुप्त(Chandragupta) को मौर्य वंश का सम्राट बना दिया था। आचार्य चाणक्य ने एक श्लोक के जरिए ऐसी 6 परिस्थितियों का जिक्र किया है, जहां पर सच्चे मित्र की पहचान हो सकती है। जानिए-
चाणक्य कहते हैं कि कई बार व्यक्ति को कोर्ट-कचहरी के चक्कर काटने पड़ जाते हैं। विपरीत परिस्थिति में जो व्यक्ति मदद करता है, वह आपका सच्चा मित्र होता है।
जब अकाल पड़ जाए और आपके घर में खाने के लिए कुछ भी न हो। उस वक्त जो आपकी मदद करता है, वह वास्तव में आपका हितैषी या मित्र होता है।
चाणक्य (Chanakya) कहते हैं कि सुख के कई साथी हो सकते हैं, लेकिन दुख में सिर्फ अपने ही काम आते हैं। इसलिए दुख में जो आपके साथ खड़ा हो, उसे अपना सच्चा मित्र मानना चाहिए।
नीति शास्त्र के अनुसार, जब आप शत्रु से घिरे हों, उस वक्त जो आपकी मदद करता है वह वास्तव में आपका सच्चा मित्र ही होता है।
चाणक्य कहते हैं जो सच्चा मित्र वही है जो किसी अपने की मृत्यु होने पर आपके साथ साथ होता है
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