• img-fluid

    ऑपरेशन गंगा: पीएम की देखरेख में सबसे चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन को दिया अंजाम, सदन में बोले विदेश मंत्री

  • March 15, 2022

    नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन (Russia and Ukraine) के बीच आज 20वें दिन भी जंग (Russia Ukraine War) जारी है। दोनों देशों के मध्य छिड़े युद्ध ने यूक्रेन (Ukraine) में मानवीय संकट पैदा कर दिया है। लोग दाने-दाने को मोहताज हो गए हैं। उनसे उनका आशियाना छिन चुका है। ऐसे में युद्धग्रस्त देश में फंसे 22 हजार से ज्यादा भारतीयों को ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) के तहत स्वदेश वापस लाया गया है। आज राज्यसभा में भारतीयों को सुरक्षित निकाले जाने के मुद्दों पर विदेश मंत्री एस जयशंकर (EAM S Jaishankar) ने अपना बयान दिया।

    जयशंकर ने कहा कि यूक्रेन में गंभीर संघर्ष से उत्पन्न चुनौतियों के बावजूद हमने सुनिश्चित किया कि लगभग 22,500 भारतीय नागरिक सुरक्षित भारत लौट सकें। इस दौरान 35 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों (union territories) से भारतीयों को वापस लाया गया। विदेश मंत्री ने कहा, प्रधानमंत्री के निर्देश पर हमने ऑपरेशन गंगा लॉन्च किया, जिसके अंतर्गत यूक्रेन-रूस के बीच चल रहे संघर्ष की स्थिति के दौरान चुनौतीपूर्ण निकासी अभियान चलाया गया। इसके लिए हमारा समुदाय चुनौतियों का सामना करते हुए यूक्रेन के अलग-अलग हिस्सों में मौजूद था। उन्होंने कहा कि अभियान की समीक्षा पीएम मोदी द्वारा खुद दैनिक आधार पर की गई। 


    विदेश मंत्रालय में हमने 24*7 आधार पर निकासी कार्यों की निगरानी की। हमें नागरिक उड्डयन मंत्रालय, रक्षा मंत्रालय, एनडीआरएफ, वायुसेना, प्राइवेट एयरलाइंस सहित सभी संबंधित मंत्रालयों और संगठनों से बेहतरीन समर्थन मिला। उन्होंने कहा कि आधे से ज्यादा छात्र पूर्वी यूक्रेन के विश्वविद्यालयों में थे जो क्षेत्र रूस की सीमा से लगा है और अब तक संघर्ष का केंद्र रहा है। यूक्रेन से 35 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के छात्रों को निकाला गया है। ऑपरेशन गंगा के तहत 90 उड़ानें संचालित की गईं, जिनमें से 76 नागरिक उड़ानें थीं और 14 भारतीय वायुसेना की उड़ानें थीं। निकासी उड़ानें रोमानिया, पोलैंड, हंगरी और स्लोवाकिया से थीं।

    भारतीय वायुसेना (Indian Air Force) ने इस अवसर पर बड़ी भूमिका निभाई, अधिकांश निजी एयरलाइंस ने भी उत्साहपूर्वक भाग लिया। हमारे प्रयासों के बावजूद बड़ी संख्या में छात्र यूक्रेन में रहना चाहते थे। उनकी स्वभाविक इच्छा थी कि शैक्षणिक संस्थानों को न छोड़ा जाए और अपनी पढ़ाई को प्रभावित न होने दिया जाए। कुछ विश्वविद्यालयों ने ऑनलाइन पाठ्यक्रमों की पेशकश करने में रुचि नहीं दिखाई। फरवरी में तनाव के निरंतर निर्माण को देखते हुए दूतावास ने 15 फरवरी 2022 को एक सलाह जारी की जिसमें यूक्रेन में भारतीयों को सलाह दी गई कि जिनका प्रवास अस्थायी रूप से देश छोड़ने के लिए आवश्यक नहीं था।

    भारतीयों को यूक्रेन की यात्रा न करने या यूक्रेन के भीतर गैर-जरूरी आवाजाही न करने की सलाह भी दी गई। तनाव बढ़ने पर यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने जनवरी 2022 में भारतीयों के लिए पंजीकरण अभियान शुरू किया। परिणामस्वरूप, लगभग 20,000 भारतीयों ने पंजीकरण कराया। अधिकांश भारतीय नागरिक पूरे देश में फैले यूक्रेनी विश्वविद्यालयों में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे छात्र थे। अभियान ऐसे समय में किया गया था जब सैन्य कार्रवाई, हवाई हमले और गोलाबारी चल रही थी। अभियान उस बड़े देश में चला जो युद्धग्रस्त था, कभी-कभी 1000 किलोमीटर से अधिक और अनुमानित 26 लाख शरणार्थियों द्वारा बंद सीमा चौकियों से बाहर निकलने की जरूरत थी।


    प्रधानमंत्री (Prime minister) ने कई मौकों पर रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपतियों से बात की। उन्होंने विशेष रूप से खारकीव और सुमी से भारतीयों की सुरक्षित निकासी का मुद्दा उठाया। प्रधानमंत्री ने रोमानिया, स्लोवाक गणराज्य, हंगरी और पोलैंड के राष्ट्रपतियों से अपने देशों में भारतीयों के प्रवेश की सुविधा को लेकर बात की। प्रधानमंत्री ने ऑपरेशन गंगा की सुविधा के लिए रोमानिया, हंगरी, स्लोवाक गणराज्य और पोलैंड में 4 केंद्रीय मंत्रियों को विशेष दूत के रूप में भेजा।

    रोमानिया में ज्योतिरादित्य सिंधिया, स्लोवाक गणराज्य में किरेन रिजिजू, हंगरी में हरदीप सिंह पुरी और पोलैंड में जनरल वीके सिंह शामिल थे। सूमी से भारतीयों को निकालना बेहद जटिल था क्योंकि हमारे छात्रों की गोलीबारी में फंसने की संभावना थी। शहर से उनकी निकासी के लिए एक विश्वसनीय युद्धविराम की जरूरत थी। यह आखिर यूक्रेन और रूस के राष्ट्रपतियों के साथ खुद प्रधानमंत्री के व्यक्तिगत हस्तक्षेप के कारण हुआ। वसुधैव कुटुम्बकम के भारत के सिद्धांत के अनुरूप, विदेशी नागरिकों को भी संघर्ष क्षेत्रों से निकाला गया और भारत लाया गया। इनमें 18 देशों के 147 नागरिक शामिल थे। कई यूक्रेनी नागरिक जो भारतीय नागरिकों के परिवार के सदस्य हैं, उन्हें भी निकाला गया है।

    Share:

    अवंतीपोरा मुठभेड़ में मारा गया LeT आतंकी, तीन महीने से था लापता

    Tue Mar 15 , 2022
    पुलवामा। दक्षिण कश्मीर के जिला पुलवामा (District Pulwama of South Kashmir) के अवंतीपोरा के चरोसा इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकवादियों (security forces and terrorists) के बीच जारी मुठभेड़ में लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) का एक आतंकी ओवैस राजा (Owais Raja) निवासी सुभानपोरा बिजबेहाड़ा मारा गया है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी है कि ओवैस पिछले तीन महीनों […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    गुरुवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved