जबलपुर। शहर में शराब ठेकेदारों द्वारा सिंडीकेट बनाकर की जा रही लूट और मुनाफाखोरी पर आबकारी विभाग लगाम लगाने में पूरी तरह से नाकाम साबित है। हालात यह है कि ठेकेदारों द्वारा सिंडीकेट बनाकर खुलेआम मनमर्जी के दामों में शराब बेंचकर लाखों-करोड़ों का मुनाफा कमाया जा रहा है। वहीं जिम्मेदार विभाग इन शराब माफिया के सामने मौन धारण किए हुए है। आज फिर शराब सिंडीकेट से जुड़े शराब ठेकेदारों ने शराब के दामों में इजाफा किया है। यह लूट खसोट का काम आबकारी विभाग के संरक्षण में शराब ठेकेदारों द्वारा किया जा रहा है। जानकारी अनुसार शराब सिंडीकेट के ठेकेदारों द्वारा एमआरपी-एमएसपी से अधिक दामों में शराब बेची जा रही है। उदाहरण के लिए बीरा बूम बियर की एमआरपी 196 रूपये है, जिसे ठेकेदारों द्वारा 250 रूपये में बेचा जा रहा है।
ऐसे ही हंटर बियर की एमआरपी 205 रूपये है, जिसे 250 में बेच रहे है। ऐसे ही देशी पाव की एमआरपी 65 रूपये है, जिसमें 5 रूपये बढ़ाकर ग्राहकों को बेच कर मोटा मुनाफा कमाया जा रहा है। ऐसे ही सभी ब्रांड की बोतलों पर 10 से 20 रूपये तक ठेकेदारों द्वारा बढ़ाकर लिए जा रहे हैं। जानकारी हो कि गर्मी के मौसम में बियर की खपत बहुत अधिक रहती है। ऐसे में शराब सिंडीकेट के ठेकेदारों द्वारा हर बॉटल में 30 से 40 रूपये तक अधिक लेकर लूट मचाई जा रही है और करोड़ों का मुनाफा कमाया जा रहा है। यह सब लूट खसोट आबकारी विभाग के संरक्षण में की जा रही है। वहीं जिम्मेदार सब जानते हुए भी शराब सिंडीकेट न होने का राग अलाप रहे हैं।
शहर और ग्रामीण क्षेत्रों के दामों में अंतर
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सिंडीकेट के शराब ठेकेदारों द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में अधिक लूट मचा रखी है। शहर की शराब दुकानों से अधिक दाम ग्रामीण क्षेत्रों में वसूले जा रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में देशी शराब की खपत अधिक रहती है, ऐसे में ठेकेदारों द्वारा 5 से 10 रूपये अधिक लेकर ग्राहकों को ठगने का काम किया जा रहा है।
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