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    Mudra scheme के तहत 6 साल में बैंकों ने करीब 15 लाख करोड़ रुपये का दिया लोन

  • April 08, 2021

    नई दिल्‍ली। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) योजना (Pradhan Mantri Mudra Yojana (PMMY) Scheme) के तहत पिछले 6 साल में बैंकों और वित्‍तीय संस्‍थानों ने 28.68 करोड़ से ज्‍यादा लाभार्थियों को 14.96 लाख करोड़ रुपये लोन (Banks and financial institutions loan over 14.96 lakh crore to more than 28.68 crore beneficiaries) दिए हैं। वित्‍त मंत्रालय ने यह जानकारी दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 8 अप्रैल, 2015 पीएमएमवाई की शुरुआत की थी।

    वित्त मंत्रालय ने जारी एक बयान में कहा कि नए उद्यमियों से लेकर कड़ी मेहनत करने वाले किसानों तक सभी के वित्तीय जरूरतों को इस योजना के तहत पूरा किया गया है। प्रधानमंत्री ने उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए इस योजना की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य आर्थिक रूप से उपेक्षित वर्गों को वित्तीय सहायता देना है।

    प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के शुभारंभ के बाद 19 मार्च तक 14.96 लाख करोड़ रुपये की धनराशि के 28.68 करोड़ से ज्‍यादा लोन स्वीकृत किए गए हैं। वहीं, वित्त वर्ष 2020-21 में 4.20 करोड़ पीएमएमवाई लोन स्वीकृत किए गए, जबकि वित्‍त वर्ष 2020-21, 19 मार्च तक 2.66 लाख करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं।

    योजना के तहत 10 लाख रुपये तक लोन
    प्रधानमंत्री ने गैर-कॉर्पोरेट, गैर-कृषि लघु और सूक्ष्म उद्यमों को 10 लाख रुपये तक के लोन प्रदान करने के लिए 8 अप्रैल, 2015 को इसका शुभारंभ किया था। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ने स्व-रोजगार और स्वतंत्र रूप से कार्य करने की भावना के साथ-साथ लाखों लोगों के सपनों और आकांक्षाओं को पंख दिए हैं।

    प्रधानमंत्री मुद्रा योजना की जरूरत क्‍यों
    भारत में उद्यमिता की अंतर्निहित क्षमता का दोहन करने की जरूरत को समझते हुए, मोदी सरकार ने अपने पहले ही बजट में प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का शुभारंभ किया। दरअसल भारत युवाओं, उत्‍साह और आकांक्षाओं से परिपूर्ण एक युवा देश है। देश में विकास को गति देने के लिए इसको शुरू किया गया।

    पीएम मुद्रा योजना कैसे काम करती है
    पीएमएमवाई के तहत 10 लाख रुपये की धनराशि के लोन को मेंबर लैंडिंग इंस्टीट्यूशन (एमएलआई) अर्थात अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों (आरआरबी), लघु वित्त बैंकों (एसएफबी), गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी), सूक्ष्म वित्त संस्थानों (एमएफआई) आदि द्वारा प्रदान किया जाता है। इन लोन को विनिर्माण, व्यापार और सेवा क्षेत्रों में आय सृजन करने वाली गतिविधियों और कृषि से संबंधित गतिविधियों के लिए दिया जाता है।

    पीएमएमवाई के तहत कितने तरह के लोन

    प्रधानमंत्री मुद्रा योजना को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। इसमें ‘शिशु’, ‘किशोर’ और ‘तरुण’ जो लोन लेने वालों के विकास और धन की जरूरतों के हिसाब से दिया जाता है, जो इस प्रकार है।
    शिशु :- 50,000 रुपये तक के लोन शामिल हैं।
    किशोर :- 50,000 रुपचे से 5 लाख लाख रुपचे तक के लोन शामिल हैं।
    तरुण :- 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक के लोन शामिल हैं। (एजेंसी, हि.स.)

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