भोपाल। प्रदेश में कोरोना (Corona) काल में सभी तरह की गतिविधियों पर बंदिशें लगा दी थीं, लेकिन आबकारी विभाग (Excise Department) शराब की विक्री बढ़ाने पर पूरी तरह से मेहरबान रहा। कोरोना संक्रमण (Corona Infection) के बीच ही आबकारी विभाग शराब की होम डिलेवरी स्कीम (Home Delivery Scheme) तैयार कर ली थी, लेकिन सरकार ने इसे हरी झंडी नहीं दी। इसी स्कीम की आड़ में शराब माफिया ने आबकारी की मिलीभगत से इंदौर में ब्रांडेड कंपनियों की शराब की होम डिलेवरी (Home Delivery) शुरू कर दी। ज्यादा फायदा कमाने के लिए माफिया ने नकली शराब की होम डिलेवरी शुरू कर दी है।
इंदौर में नकली शराब से 6 लोगों की मौत का मामला सामने आया है। साथ ही माफिया के तार दूसरे जिलों तक फैले हैं। फिलहाल आबकारी विभाग पूरे मामले को दबाने में जुटा है। पिछले हफ्ते मंदसौर में जहरीली शराब से 7 लोगों की मौत का मामला ठंडा नहीं हुआ। मुख्यमंत्री (Chief Minister) ने मंदसौर घटना की जांच के लिए अपर मुख्य सचिव राजेश राजौरा के नेतृत्व में SIT गठित की है। SIT जांच पूरी करने के बाद भोपाल लौट आई है, लेनिक अभी तक रिपोर्ट सरकार को नहीं सौंपी है। SIT ने प्रारंभिक जांच में पाया कि शराब तस्कर राजस्थान से शराब लाकर गांव में किराना दुकानों पर बेचते थे। इसी शराब से 7 लोगों की मौत हुई है। जबकि 6 लोग गंभीर है। इस बीच इंदौर में ब्रॉडेड नकली शराब पीने से 6 लोगों की मौत का मामला सामने आया है।
हालांकि अभी तक इंदौर प्रशासन एवं आबकारी इसे दबाने में जुटा था, लेकिन लगातार हो रही मौतों के बाद आखिरकार पुलिस ने शराब तस्करों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। जांच में पुलिस को माफिया से जुड़े अहम जानकारी मिली है। साथ ही अन्य शहरों से भी तार जुड़े मिले हैं। इसमें आबकारी विभाग की मिलीभगत भी सामने आ रही है। हालांकि अधिकारी इस मामले में खुलकर कुछ नहीं बोल रहे हैं।
200 रुपए के मुनाफे के लिए होम डिलेवरी
इंदौर में शराब तस्कर धड़ल्ले से शराब सप्लाई करते रहे और आबकारी अफसरों ने ध्यान ही नहीं दिया। सपना और पैराडाइज बार के संचालकों ने तो 200 रुपये के लालच में अधिकृत दुकान की जगह तस्करों से जहरीली शराब खरीद ली। उनके तार खरगौन और बुरहानपुर से शराब तस्करों से जुड़े है। पुलिस ने मुख्य सप्लायर पंकज सूर्यवंशी को पकड़ लिया है। उसने कहां-कहां शराब बेची इसकी तस्कीद की जा रही है। पुलिस बस और ट्रांसपोर्ट संचालकों की भूमिका भी जांच रही है। क्योंकि नकली शराब लग्जरी बसों के जरिए इंदौर पहुंचती थी।
प्रदेश में शराब माफिया हावी, एसआईटी गठित
प्रदेश में जहरीली शराब की वजह से पिछले 8 महीने में आधा सैंकड़ा से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। उज्जैन एवं मुरैना शराबकांड में पुलिस एवं आबकारी विभाग की भूमिका संदिग्ध रही। दोनों हादसों में 40 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी। दोनों मामलों में एसआईटी गठित की गई थी। एसआईटी ने अवैध शराब की तस्करी एवं विक्री रोकने के लिए सरकार को सुझाव भी दिए थे, लेकिन आबकारी विभाग ने एसआईटी के एक सुझाव को नहीं माना। पिछले एक हफ्ते के भीतर मंदसौर एवं इंदौर में जहरीली शराब से दो दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
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