इंदौर। शहर से दूरदराज वाले उन इलाकों में जहां उच्च स्तरीय इलाज की व्यवस्था नहीं है और न ही आर्थिक तंगी के चलते मरीज इंदौर आकर इलाज करा पाते हैं, ऐसे ही तबके के मरीजों के लिए प्रशासन उनके ही इलाके में जाकर स्वास्थ्य शिविर लगाता आ रहा है। 20 जुलाई को लगाए गए स्वास्थ्य शिविर में जब 45 बच्चों की जांच की गई तो 16 ऐसे मरीज बच्चे मिले, जिन्हें दिल की गंभीर बीमारियां हैं। अब प्रशासन इन सभी बच्चों को इंदौर लाकर निजी अस्पतालों में इनके हार्ट, यानी हृदय का मुफ्त में ऑपरेशन करवाएगा।
इंदौर संभाग के सभी जिले , तहसील, ब्लाक स्तर पर संभागायुक्त के निर्देश पर इंदौर मेडिकल कॉलेज सहित निजी अस्पतालों के डाक्टर्स और अन्य स्टाफ को ले जाकर स्वास्थ्य शिविर लगाए जा रहे हैं । संभागायुक्त दीपक सिंह के नेतृत्व में अभी तक 6 स्वास्थ्य शिविर लगाए जा चुके हैं। 10 अगस्त तक शिविर लगते रहेंगे । सेंधवा स्वास्थ्य शिविर में जब 45 बच्चों की जांच की गई तो 16 ऐसे मरीज बच्चे मिले, जिन्हें दिल की गंभीर बीमारियां हैं। अब प्रशासन इन सभी बच्चों को इंदौर लाकर इनके हार्ट का मुफ्त में ऑपरेशन करवाएगा। हाल ही में सेंधवा में स्वास्थ्य शिविर लगाया था, जिसमें इंदौर महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज के लगभग 150 डाक्टर्स, पैथालॉजी स्टाफ, एक्सरे टेक्नीशियन सहित अन्य स्टाफ शामिल था। स्वास्थ्य शिविर में 8 हजार से अधिक संदिग्ध मरीजों की विशेषज्ञ चिकित्सकों ने जांच कर उनका इलाज किया। जो मरीज गंभीर बीमारियों से पीडि़त हैं, उन्हें इंदौर लाकर सरकारी योजनाओं के अंतर्गत मुफ्त में इलाज कराया जाएगा। संभागायुक्त दीपक सिंह ने बताया कि इंदौर संभाग के सभी जिलों में स्वास्थ्य शिविर लगाए जा रहे हैं। शिविर का आयोजन 10 अगस्त तक जारी रहेगा।
निजी हॉस्पिटल के डाक्टर्स भी दे रहे सेवाएं
स्वास्थ्य शिविर में महात्मा गांधी मेडिकल कॉलेज इंदौर के अलावा अरबिंदो मेडिकल कॉलेज इंदौर, शंकर आई अस्पताल इंदौर, अपोलो राजश्री अस्पताल इंदौर, विशेष जूपिटर, बॉम्बे अस्पताल इंदौर, शैल्बी अस्पताल इंदौर, कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल इंदौर, इंदौर कैंसर फाउंडेशन इंदौर, एलएनसीटी चिकित्सा महाविद्यालय इंदौर के डॉक्टर-विशेषज्ञ शामिल रहे।
क्या है मुख्यमंत्री बाल हृदय उपचार योजना
जन्म से लेकर 18 साल तक के हृदय रोगियों के लिए 14 जुलाई 2011 को मध्यप्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री बाल हृदय बीमा योजना शुरू की। इस योजना का उद्देश्य हृदय रोग से पीडि़त बच्चों का मुफ्त में इलाज करना है। योजना के अनुसार सरकार नाबालिग मरीजों के हार्ट में स्टेंट डलवाने से लेकर जटिल ऑपरेशन तक का पूरा खर्च उठाती है।
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