पटना । बिहार में पुल (Bridge in Bihar)गिरने पर सियासत(Politics) एक बार फिर तेज हो गई है। भागलपुर जिले (Bhagalpur district)में निर्माणाधीन अगुवानी पुल (Agwani bridge under construction)का हिस्सा शनिवार को ध्वस्त हो जाने पर नीतीश सरकार की ओर से सफाई आई है। मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि यह पुल गिरा नहीं है। बल्कि पुल का पाया (पिलर) पहले टूट गया था, उसे गिराने की एवज में पुल गिरा है। पुल तो पहले ही गिर गया था, अब उसकी सफाई करने और तोड़ने के दौरान पुल गिराया जा रहा है।
ग्रामीण कार्य विभाग के मंत्री अशोक चौधरी ने शनिवार को एक चैनल से बातचीत में कहा कि लोग ऐसा परसेप्शन बना रहे हैं कि बिहार में पुल गिरते जा रहे हैं। जबकि हकीकत अलग है। अगुवानी पुल के पिलर का हिस्सा शनिवार सुबह ध्वस्त होकर गंगा नदी में बह जाने के मामले को उन्होंने तकनीकी फॉल्ट बताया। मंत्री ने कहा कि अगुवानी पुल में तकनीकी दिक्कत है। पहले भी पुल का निर्माण दूसरी जगह हुआ था तो, एक पाया मुड़ गया था। तकनीकी टीम की ओर से कहीं न कहीं गड़बड़ी हो रही है। यह जांच का विषय है कि ऐसा क्यों हो रहा है।
बिहार में लगातार हो रहे पुल हादसों पर अशोक चौधरी ने कहा कि लोग बेवजह फोटो और वीडियो वायरल कर सवाल उठा रहे हैं। छोटी पुलिया गिरती है तो भी उसे पुल बता कर हल्ला मचा रहे हैं। बता दें कि भागलपुर के सुल्तानगंज से खगड़िया के अगुवानी घाट तक गंगा नदी पर बनाए जा रहे पुल के एक पिलर का हिस्सा शनिवार को ध्वस्त हो गया। हालांकि, सरकार की ओर कहा गया कि दो साल पहले जब पिलर गिर गया था, तो उसका मलबा हटाने के क्रम में यह हादसा हुआ है।
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