नई दिल्ली। देश में कोरोना (Coronavirus) पूरी तरह से बेकाबू हो गया है। हर रोज सामने आने वाले नए मामलों की संख्या बढ़ती जा रही है। गुरुवार को कोरोना वायरस संक्रमण के रिकॉर्ड 386,888 मामले दर्ज किए गए। इसके साथ ही संक्रमण के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 1,87,54,984 हो गई है। पिछले कुछ दिनों से स्थिति लगातार चिंताजनक बनी हुई है। सरकार कोरोना से मुकाबले के लिए वैक्सीनेशन पर जोर दे रही है, लेकिन टीकों की कमी से यह मुमकिन नहीं हो पा रहा है।
30 Lakh से ज्यादा का चल रहा इलाज
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के मुताबिक, देश में उपाचाराधीन मरीजों की संख्या 30 लाख के पार पहुंच गई है। मौत के आंकड़ों की बात करें तो गुरुवार को 3501 लोगों की जान कोरोना की वजह से गई। इसके साथ ही घातक बीमारी के मृतकों की संख्या 2,08,313 पहुंच गई है। हालांकि, बुधवार के आंकड़ों से यदि तुलना करें तो गुरुवार को थोड़ी राहत दिखाई दी। बुधवार को 24 घंटे के दौरान 3647 मौतें दर्ज की गई थीं और गुरुवार यह आंकड़ा घटकर 3501 पर आ गया।
Infection से मौत की दर घटी
देश में उपाचाराधीन मरीजों की संख्या 31,64,825 हो गई है जो संक्रमण के कुल मामलों का 16.79 प्रतिशत है। जबकि COVID-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर घटकर 82.10 प्रतिशत पहुंच गई है। वहीं, संक्रमण से मौत होने की दर घटकर 1.11 प्रतिशत हो गई है। गौरतलब है कि कोरोना मरीजों की संख्या पिछले साल सात अगस्त को 20 लाख के पार हो गई थी और इसके बाद यह आंकड़ा लगातार बढ़ता गया।
Maharashtra में सबसे बुरे हाल
देश में दर्ज मौत के नए मामलों में सर्वाधिक 771 मौत महाराष्ट्र में हुई। इसके बाद दिल्ली में 395, छत्तीसगढ़ में 251, उत्तर प्रदेश में 295, कर्नाटक में 270, गुजरात में 180, झारखंड में 145, पंजाब में 137, राजस्थान में 158, उत्तराखंड में 85 और मध्य प्रदेश में 95 लोगों की मौत हुई। देश में अब तक हुई कुल 2,08,313 मौत में से 67,985 महाराष्ट्र में, 15,772 दिल्ली में, 15,306 कर्नाटक में, 13,933 तमिलनाडु में, 12,238 उत्तर प्रदेश में, 11,248 पश्चिम बंगाल में, 8909 पंजाब में और 8312 लोगों की छत्तीसगढ़ में मौत हुई है।
अब तक कितनी इतनी Testing
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) के मुताबिक, 28 अप्रैल तक 28,44,71,979 नमूनों की जांच की गई है जिनमें से 17,68,190 नमूनों की बुधवार को जांच की गई। हालांकि, कई राज्यों में लोग जांच को लेकर भी शिकायत कर रहे हैं। उनका कहना है कि जांच के लिए काफी इंतजार करना पड़ रहा है और रिपोर्ट भी काफी देरी से आ रही है। RT-PCR की रिपोर्ट आमतौर पर 2 से 3 दिनों में उपलब्ध कराई जा रही है। इतना समय किसी संक्रमित व्यक्ति की स्थिति बिगड़ने के लिए काफी है।
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