नई दिल्ली (New Delhi) । बीते मार्च, 2023 तक बैंकों (banks) के पास बगैर दावे वाली जमा राशि (deposited money) 28 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के साथ 42,270 करोड़ रुपये हो गई है। यह जानकारी मंगलवार को संसद (Parliament) को दी गई। वित्त वर्ष 2021-2022 में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के बैंकों में 32,934 करोड़ रुपये बगैर दावे वाले जमा रकम की तुलना में मार्च, 2023 के अंत में यह राशि 28 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 42,272 करोड़ रुपये हो गई।
मार्च, 2023 के अंत तक 36,185 करोड़ रुपये की बगैर दावे वाली जमा राशि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पास थी, जबकि 6,087 करोड़ रुपये निजी क्षेत्र के बैंकों के पास थे। बता दें कि बैंक 10 या अधिक वर्षों से अपने खातों में पड़ी खाताधारकों की बगैर दावे वाली जमा राशि को रिजर्व बैंक के जमाकर्ता शिक्षा और जागरूकता (डीईए) कोष में भेज देते हैं।
क्या कहा मंत्री ने: वित्त राज्यमंत्री भागवत के कराड ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि रिजर्व बैंक ने बगैर दावे वाली जमा राशि की मात्रा को कम करने और सही दावेदारों को ऐसी जमा राशि वापस करने के लिए कई कदम उठाए हैं।
अगस्त में आया था पोर्टल
बिना दावे वाली रकम की जानकारी और क्लेम के लिए आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अगस्त महीने में पोर्टल- RBI UDGAM लॉन्च किया था। इसे केंद्रीय बैंक ने तैयार किया है ताकि लोगों एक ही स्थान पर कई बैंकों में अपनी बिना दावे वाली जमाराशियों की खोज करने में आसानी हो और वे उस पर अपना दावा कर सके। शुरुआती चरण में पोर्टल पर 7 बैंकों… भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया, धनलक्ष्मी बैंक, साउथ इंडियन बैंक, डीबीएस बैंक इंडिया और सिटी बैंक में बिना दावे वाली जमाराशि के बारे में जानकारी उपलब्ध थी। बता दें कि रिजर्व बैंक ने छह अप्रैल, 2023 को द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में बिना दावे वाली जमा राशि का पता लगाने के लिये एक केंद्रीकृत वेब पोर्टल बनाने की घोषणा की थी।
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