नई दिल्ली: ‘धर्मनिरपेक्षता शब्द की गलत व्याख्या की जा रही है. इसे अब तुष्टीकरण का नाम दे दिया जा रहा है.’ ये कहना है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम का. पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यह बात शनिवार, 25 नवंबर को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में कही, जहां वो सेंट जेवियर्स विश्वविद्यालय में ‘लोकतंत्र का भविष्य’ विषय पर संबोधन दे रहे थे.
अपने संबोधन के दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि ‘तुष्टीकरण’ शब्द के जरिए धर्मनिरपेक्षता की अवधारणा को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने एक मुस्कान के साथ कहा कि इसका मतलब ये हुआ, ‘अगर आप हिंदू नहीं हैं, तो आप आधे नागरिक हैं… और अगर आप मुसलमान हैं तो आप नागरिक ही नहीं हैं.’
‘चुनाव में धर्म का जिक्र नहीं होना चाहिए’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने चुनाव में धर्म का जिक्र करने पर भी ऐतराज जताया. उन्होंने कहा कि किसी भी चुनाव में धर्म का जिक्र नहीं होना चाहिए, ना ही धर्म के आधार पर चुनाव लड़ा जाना चाहिए, लेकिन आज के समय में सभी चुनाव में धर्म का इस्तेमाल काफी ज्यादा हो रहा है, जो कि गलत है. उन्होंने कहा कि धर्म आस्था पर आधारित होना चाहिए.
‘एक राजनीतिक दल सिर्फ हिंदुओं को टिकट देता है’
पी चिदंबरम ने इशारों-इशारों में बिना नाम लिए बीजेपी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि एक राजनीतिक दल ऐसा भी है जो सिर्फ हिंदू धर्म के लोगों को ही चुनाव में टिकट देती है. हिंदुओं के अलावा वो किसी दूसरे को उम्मीदवार बनाने से इनकार कर देता है. इसकी मूल संरचना अखंड भारत, हिंदू राष्ट्र लगती है. अब धर्म ही निर्णायक कारक नजर आता है. उन्होंने कहा कि हम लोकतंत्र को बढ़ावा देने वाले संस्थानों को कमजोर कर रहे हैं.
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